कनाडा में ट्रकों का आन्दोलन चल रहा है और उस कथित आन्दोलन में जहां एक ओर कनाडा की सरकार कड़े कदम उठाने की बात कह रही है। परन्तु इसी बीच एक हैरान करने वाला समाचार आ रहा है कि, जहाँ कनाडा में आन्दोलन चल रहा है तो वहीं हिन्दुओं के मंदिरों में हमले और लूट हो रही है। एक ओर फ्रीडम के नारे लग रहे हैं तो दूसरी ओर हिन्दुओं के मंदिरों पर भी हमले हो रहे हैं:
हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में हिन्दू पुजारी और भक्त भय की स्थिति में हैं। उनके मंदिरों से लगातार दानपत्र और यहाँ तक कि मूर्तियों से आभूषण भी चोरी हो रहे हैं। हालांकि ब्राम्पटन में हनुमान मंदिर पर हमला इस ट्रक आन्दोलन के आरंभ होने से पहले 15 जनवरी को हुआ था। और उसके बाद से पांच और हमले हो चुके हैं।
सोशल मीडिया पर यह समाचार आने के बाद लोग यह प्रश्न कर रहे हैं कि क्या यह खालिस्तानी तत्वों का काम है क्योंकि ब्राम्पटन क्षेत्र पंजाबी बाहुल्य क्षेत्र है। यह संयोग नहीं हो सकता है
एक और यूजर ने इस बात की आशंका व्यक्त की कि यह खालिस्तानी तत्वों का काम हो सकता है क्योंकि जहाँ यह घटना हुई है, वहां पर मुस्लिम और सिख बहुमत में हैं और स्थानीय लोग शहर छोड़कर चले गए हैं।
कुल छ मंदिरों को निशाना बनाया गया है,
यह भी बात ध्यान देने योग्य है कि जब यह आन्दोलन आरम्भ हुआ था, तो उसके शुरू होते ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वास्तिक का उल्लेख करते हुए अनहोली चिन्ह बताया था। और कहीं न कहीं हिन्दुओं के प्रति एक घृणा का विस्तार किया था।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 15 जनवरी से हिन्दुओं के मंदिरों पर आक्रमण आरम्भ होगे थे, और सबसे पहले ब्राम्पटन में श्री हनुमान मंदिर में हमला हुआ, उसके बाद 25 जनवरी को ब्राम्पटन में ही माँ चिंतपूर्णी मंदिर पर हमला हुआ, और फिर वहीं पर गौरी शंकर मंदिर और जगन्नाथ मंदिर में हमला हुआ। इसी के साथ दो और मंदिरों में हमले हुए।
मिसिसॉगा में 30 जनवरी को हुए हमलों के विषय में हिन्दू हेरिटेज सेंटर ने एक रिलीज जारी की और कहा कि “भक्त और पुजारी इस घटना से सदमे में हैं।” और साथ ही कहा है कि “पुलिस ने हिन्दू हेरिटेज सेंटर को यह पुष्टि की कि यह उन्हीं लोगों का समूह है, जो मंदिरों को सुबह तोड़ रहे थे!”
मंदिरों से दान पेटी से चढ़ावा तो चुराया ही है और साथ ही प्रतिमाओं द्वारा पहने हुए आभूषण भी चुरा ले गए हैं।
हालांकि पुलिस ने कहा है कि वह और गश्त बढ़ा देगी, परन्तु समुदाय सदमे में है और मंदिरों पर होने वाले हमलों से आहत है।
एक यूजर ने कहा कि खालिस्तानी तत्वों से सम्बन्धित एनडीपी के नेता ने स्वास्तिक के विषय में गलत सूचना फैलाई थी और उसे नाजी प्रतीक के साथ जोड़ा था, तो हिन्दुओं के मंदिरों पर हमला होना ही था। मंदिरों पर होने वाले हमलों के लिए कनाडा का नेतृत्व जिम्मेदार है!
जबकि अभी हाल ही में नाजी के चिन्ह पर एक डॉक्यूमेंट्री आई थी, जिसमें यह एक बार फिर से स्पष्ट किया गया था कि स्वास्तिक का नाजी से कोई लेना देना नहीं है:
फिर भी बार बार हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता है, और पश्चिम में हिन्दुफोबिया असली है और बार बार इस घृणा के उदाहरण सामने आते रहते हैं।
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