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Friday, March 29, 2024

कश्मीर में मस्जिद में भारत विरोधी नारे तो जम्मू में हिन्दू मंदिर पर हमला और लिब्रल्स कश्मीर फाइल्स के तथ्यों को नकार रहे हैं!

कश्मीर फाइल्स फिल्म में आलोचकों को बार बार यह आपत्ति हो रही थी कि इसमें दूसरा पक्ष नहीं दिखाया गया। दूसरा पक्ष माने कश्मीरी मुस्लिमों का पक्ष नहीं दिखाया गया है। इसी पर तंज कसते हुए कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीर की मस्जिद का वह वीडियो साझा करते हुए कहा है कि “कहानी का दूसरा पक्ष!”

कश्मीर में श्रीनगर की जामिया मस्जिद में एक बार फिर से वही नारे लगे, जिन नारों में भारत के प्रति नफरत है और लोगों को आतंक के प्रति भड़काया जा रहा है। जामिया मस्जिद में आजादी के नारे लगे। जुमे की नमाज के बाद एक बार फिर से वही नारे लगे। और आतंकी मूसा एवं बुरहान वानी दोनों के पक्ष में नारे लगाए गए। इतना ही नहीं एक बार फिर से जम्मू और कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ पर पत्थरबाजी भी की गयी।

इस मस्जिद के विषय में पत्रकार आरती टिक्कू ने कहा कि

यह मस्जिद मीरवाइज उमर के अधीन है,जिसे भारतीय सुरक्षा और अन्य विशेषाधिकार मिले हुए हैं, जिनकी फंडिंग भारतीय कर दाताओं के पैसे से होती हैं। मैंने यह बार-बार कहा है कश्मीर में वह सभी लोग अभी भी सत्ता पर प्रभावी हैं, जिन्होनें हमारे जीवन की कीमत पर अपना राज्य बनाया है। पता नहीं गृह मंत्रालय इन पर कब कार्यवाही करेंगे और इनके नेटवर्क को बंद करेंगे

वहीं पुलिस की जांच में पता चला है कि पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर ही इस घटना में शामिल थे। इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ट्रिब्यून के अनुसार इस घटना का मुख्य आरोपी बशरत नबी है जो हवल का निवासी है और उसे पाकिस्तानी आतंकी आकाओं से शुक्रवार की नमाज में हंगामा करने के लिए कहा गया था।

पत्रकार आदित्य राज कौल के अनुसार हंगामा करने वाले समूह ने मस्जिद की इंतेजामिया कमिटी के लोगों के साथ हाथापाई भी की, जब उन्होंने इस प्रकार के नारे लगाने से उन्हें रोका था!

जम्मू में मुस्लिम बहुल इलाके में मंदिर में तोड़फोड़

इतना ही नहीं, जम्मू में भी हिन्दुओं के मंदिर सुरक्षित नहीं हैं। जम्मू में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में घुसकर मूर्तियों को तोड़ दिया गया।

जम्मू में सिद्धडा क्षेत्र में लक्ष्मी नारायण मंदिर है, और यह शहर से सटा हुआ इलाका है। इसमें लगभग आधा दर्जन प्रतिमाओं को तोड़ दिया गया है। इसमें बड़े पत्थर की सहायता से मूर्तियों को तोडा गया है। इस घटना के बाद मंदिर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गयी है। परन्तु स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

दैनिक जागरण के अनुसार जब रोज की तरह सुबह सुबह लोग मन्दिर पहुंचे तो मूर्तियों को इस स्थिति को देखकर हैरान रह गए। और स्थानीय निवासियों ने बताया कि जिस प्रकार से मूर्तियों की तोड़फोड़ हुई है, उससे यह पता चलता है कि हमलावरों की संख्या बहुत अधिक रही होगी।

वहीं इस मंदिर में पहले भी तोड़फोड़ हो चुकी है। पांच साल पहले भी मंदिर के प्रवेशद्वार पर कालीवीर की प्रतिमा को तोड़ दिया गया था, और उसके बाद यहाँ पर कालीवीर की एक नई एवं बड़ी प्रतिमा स्थापित की गयी थी।

opindia के अनुसार उन्होंने स्थानीय हिन्दू कार्यकर्ता राकेश बजरंगी से बात की उन्होंने बताया कि जिस इलाके की घटना है वो लगभग 99 प्रतिशत मुस्लिम बाहुल्य है। इसमें से अधिकतर मुस्लिम बाहर से आ कर वहाँ बसे हुए हैं। जिस प्रकार से मंदिर में कई देवताओं की मूर्तियों के साथ हमारे एक कुलदेवता की मूर्ति को तोड़ा गया वो एकदम अलग है।

कश्मीर में भी कश्मीरी हिन्दुओं पर हमला हुआ है

जम्मू में मंदिर पर इस हमले और कश्मीर में मस्जिद में जहरीले नारों के बीच कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर हमले जारी हैं।

4 अप्रेल को दवा की दुकान चलाने वाले बाल कृष्णन को शोपियां में उनके घर के पास आतंकियों ने गोली मार दी थी। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया था

इससे पहले गैर कश्मीरी लोगों को निशाना बनाया था, और पुलवामा में बेतिया के 2 लोगों को गोली मार दी गयी थी और साथ ही पंजाब से भी दो मजदूरों पर हमला किया गया था।

वहीं सीआरपीएफके जवानों पर हुए हमले में एक की मृत्यु हो गयी थी तो एक घायल हो गया था।

यही दूसरा पक्ष है जिसे लिबरल और कट्टर इस्लामी समूह नहीं देखना चाहते हैं

कश्मीर फाइल्स की रिलीज के बाद लोग अब इन सभी घटनाओं को समझने लगे हैं और वह यह समझने लगे हैं कि यह कितना घातक गठजोड़ है, यही कारण है कि लिब्रल्स बार बार यह कहकर ताना मार रहे हैं कि यह एक तरफ़ा है, दूसरा पक्ष कहाँ है? जबकि आतंकी समूह तो बार बार अपनी असली तस्वीर स्वयं ही प्रदर्शित करते जा रहे हैं और अब तो मस्जिद में नारे भी लग गए हैं, जो उन दिनों की याद दिला रहे हैं, जो विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीर फाइल्स में दिखाए हैं!

यही वह दूसरा पक्ष है, इसे और गहराई से आँखें गढ़ा कर लिब्रल्स को देखना चाहिए!  

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