spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
19.9 C
Sringeri
Sunday, June 29, 2025

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इस्साक को वामन अवतार के अपमान के लिए अवश्य दंडित होना चाहिए

हिन्दू विरोधी भावनाएँ और टिप्पणियाँ आजकल भारत में इतनी आम हो चुकी हैं की अब कोई भी हिन्दू विरोधी विचार और वक्तव्य हमें आश्चर्यचकित नहीं करते हैं।हिन्दू विरोधी कट्टरता का अब समाज के सभी स्तरों की मुख्यधारा मे समावेश हो चुका है।ऐसे में यदि केरल के वित्त मंत्री इस्साक थॉमस द्वारा हिंदुओं के त्योहार पर हमारे भगवान का निरादर पर हम अपने मुँह मे दही जमा कर मूक दर्शक बन कर बैठे रहते हैं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।   

मार्क्सवादी (सीपीएम) के केरल के वित्त मंत्री थॉमस इस्साक ने ट्विटर पर एक ओणम संदेश में श्री वामन, जो कि “महाविष्णु” के अवतार हैं, उनको ‘कपटी’ कहते हुए यह टिप्पणी की कि उन्होंने ‘महाबली’ को ‘छला’, उनको धोखा दिया।और तो और यह भी कह दिया की ओणम त्योहार हम वामन महाराज की महिमा नहीं अपितु महाबली की निरेपक्षता के सम्मान मे हर वर्ष मनाते हैं । एक तो ये भारत के बहुसंख्यक भावनाओं को आहत तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ पौराणिक कथा का गलत संदर्भ भी प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। 

हालांकि हिंदुओं ने इस्साक को इस तथ्य से तुरंत अवगत कराया कि महाबली भगवान विष्णु के प्रबल भक्त थे।  उन्होंने इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिलाया कि महाविष्णु ने केवल महाबली के अहंकार मर्दन हेतु यह लीला रची थी और उनकी अनन्य भक्ति की परीक्षा लेने के लिए इस रूप में अवतार लिया था। इस कथा का सार यह है वास्तव में कि उन्हें जो कुछ भी मिला था वो महाविष्णु से ही मिला है ,जगत के सनातन स्वामी वहीं हैं, इसलिए उनको सब वापस कर दिया।

अब इस्साक जैसे स्वघोषित नास्तिकों से उम्मीद भी क्या की जा सकती है जो पुर्णतः हिन्दू विरोधी भावनाओं से ग्रस्त हैं। ऐसा नहीं है की इस प्रकार के कट्टर और घृणित विचार इन्होंने पहली बार प्रस्तुत कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है, और आगे भी ऐसे वक्तव्यों से हिंदुओं को आहत नहीं करेंगे, ऐसी भी कोई संभावना नहीं है। पूर्व मे भी इस्साक ने सबरीमाला भक्तों को ‘नीच’, ‘गंदे शब्दों’ का भजन करने वाला बताया था किन्तु बाद में चुनाव आने पर अपने वक्तव्य से पलट कर तुरंत क्षमायाचना की ।

लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है की ऐसे तथाकथित ‘नास्तिक’ को आपत्ति और घृणा बस हिंदुओं से है। और ये हमारे प्रति ही ऐसी विरोधी अपमानजनक विचार प्रस्तुत करेंगे।ये अब्राह्मिक मज़हब जैसे की ईसाईयत और इस्लाम के लिए कभी स्वप्न मे भी ऐसे विचार प्रस्तुत करते नहीं दिखेंगे। यहाँ तक की अन्य धार्मिक समुदायों जैसे जैन, बौद्ध या सिख के लिए भी ऐसे विचार प्रस्तुत करते नहीं दिखेंगे। क्योंकि ये हो ना हो एक षड़यंत्र के तहत अपने आप को नास्तिक घोषित किए हुए हैं ताकि ये हिंदुओं के लिए अपमानजनक टिप्पणियों को अपने नास्तिकता के आवरण से ढ़क सकें।  

हैरानी की बात ये है की हिन्दू बहुसंख्यक वाले इस राष्ट्र में अभी तक इनके इस वक्तव्य पर कोई क्षमायाचना भी नहीं आयी है। आए भी कैसे, हम हिन्दू सहिष्णु और दयावान जो हैं। हम किसी के क्षमा मांगे बिना भी क्षमा कर देते हैं। किन्तु यह व्यवहार हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए कितना घातक है इसका अनुमान तक लगाना असंभव है। हमें ऐसे अपमान पर साधारण माफी से संतुष्ट होना ही नहीं चाहिए। इस्साक थॉमस जैसों को को तत्कालीन निलंबित कर दिया जाना चाहिए और गिरफ्तार कर उनपर कठोर न्यायिक कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि ऐसे लोगों के बीच यह स्पष्ट और कठोर संदेश जाए की अब हिंदुओं का धैर्य जवाब दे चुका है। क्योंकि यह सिर्फ अकेले थॉमस की बात नहीं है -कई नन, पादरी और संसद सदस्य भी ओणम जैसे हिंदू त्योहार और मान्यताओं का समय समय पर अपमान करते ही रहते हैं ,कुछ प्रत्यक्ष रूप से तो कई अप्रत्यक्ष रूप से।

हाल ही में  कोट्टायम के पास नेडुंकुनम में सेंट थेरेसा उच्च विद्यालय की प्रधानाचार्य, सलिअम्मा थॉमस ने एक व्हाट्सएप वीडियो संदेश के माध्यम से अपने छात्रों और उनके माता-पिता से साझा  करते हुए एक ओणम संदेश में ये कहा की ‘ओणम “पीड़ितों” का एक गॉस्पल है’। आगेे उन्होंने ये कहा “ओणम एक याचक/दान पाने वाले के द्वारा दान देने वाले को ‘लात मारने’ की कथा है। श्री वामन महाराज को ‘कृतघ्न याचक’ ‘कृतघ्न गृहीता’ कहा । साथ में यह भी कहा की अब दुनिया में दान देने या बांटने की इच्छा रखने वाला भी घूम फिर के बंटवारे के अंत में फिर से याचक की जगह आ जाता है ।उन्होंने कहा कि इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण यीशु हैं जो सत्य, समानता, प्रेम और स्वतंत्रता का प्रसार करने के लिए आए थे। वह आज की दुनिया में भी पददलितों के उत्थान का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

इस संदेश की हिंदुओं द्वारा काफी निंदा और विरोध के बाद उनको क्षमायाचना देने के लिए बाध्य होना तो पड़ा, परंतु तब तक जो नुकसान और अपमान होना था वो तो हो ही चुका था।

एक और उदाहरण है एर्नाकुलम से एक ईसाई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के सदस्य हिबी इडन के वक्तव्य का जो उनके भीतर पल रहे हिन्दू विरोधी कट्टरता के विष का आभास कराता है।उनके दिवंगत पिता जॉर्ज इडन भी उसी सीट से सांसद थे। अरविंद केजरीवाल द्वारा ओणम से पहले वामन जयंती की बधाई देने वाले एक ट्वीट के उत्तर में आप पार्टी पर मुफ्तखोरी का आरोप लगाते हुए राजनीतिक बड़बड़ वाले अपने ट्वीट में कहा कि केजरीवाल ‘संस्कृति, इतिहास, परंपराओं को बिगाड़ रहे हैं’ और ‘बीजेपी की बी-टीम’ के रूप में काम कर रहे हैं।

 

आरोप प्रत्यारोप मे जब उनसे यह प्रश्न किया गया कि ‘क्या हिंदू मलयाली लोगों को ओणम मनाने के लिए उनकी अनुमति की जरूरत है?’, और साथ में उनको यह याद दिलाया गया कि ओणम एक हिंदू त्योहार है जहां महाविष्णु वामन अवतार के रूप में प्रकट हुए थे, और एक ईसाई होते हुए उन्हें हिन्दू त्योहारों पर नकारात्मक टिप्पणी करने का क्या अधिकार है?, तब क्रोधित होकर उन्होंने उत्तर दिया “भाड़ मे जाओ … हमारे अधिकार“.

बाद मे तो माननीय सांसद ने सारी मर्यादा ताक पर रख कर उन हिन्दुओं से गाली-गलोज करने लग गए जो उनके विचारों के विरोध में उचित तर्क दे रहे थे।  

हिन्दू बहुसंख्यक देश में हिंदुओं के ही देवी देवताओं, त्योहारों व मान्यताओं के बारे में इतने घृणित असत्य विचारों को हिंदुओं को ही अलग थलग करने के लिए कैसे प्रकट किया जाता है यह एक घोर आश्चर्य का विषय है। हाल ही में द क्विन्ट मे एक कट्टरपंथी इस्लामवादी समर्थक मलयाली ‘हिंदू’ आदित्य मेनन द्वारा एक लेख प्रकाशित किया गया जिसमें उसने केजरिवल के इसी ट्वीट के संबंध में ऐसा बताया की श्री वामन महाराज एक ‘ब्राहमण’ बालक ने एक ‘असुर’ राजा महाबली को छला। उसके तर्कानुसार अरविन्द केजरिवाल ने वामन जयंती पर इसलिए बधाई संदेश दिया क्योंकि वो उत्तर भारत के ब्राह्मणों और ऊंची जाति के लोगों को खुश करना चाहते हैं जो  उनका वोटबैंक हैं, जबकि केरल की जनता ओणम पर अपने प्रतिष्ठित ‘दलित’ राजा महाबली की वापसी का जश्न मनाती है!

‘ट्रू इंडोलोजी ‘ ने एक ट्विटर थ्रेड में इस त्योहार के मूल संदर्भ पर प्रकाश डालते हुए ऐसे हिन्दू विरोधी कम्युनिस्टों (साम्यवादियों) की मंशा पर प्रकाश डाला है जो कि लम्बे समय से व्यवस्था बद्ध तरीके से ओणम जैसे हिन्दू त्योहार को अपने हिंदू जड़ों से ही अलग करने की कोशिश कर रहे हैं।  

“विष्णु महाबली की उदारता की परीक्षा लेने के लिए अवतरित हुए। वह संतुष्ट होकर बली को उसकी इच्छा के अनुसार कोई भी वरदान मांगने के लिए कहते हैं । लेकिन बली की एक ही इच्छा है – हमेशा विष्णु के साथ रहना। विष्णु ने मनोकामना पूरी की। वह वैकुंठ को छोड़ देते हैं और बली के नए निवास स्थान सुतला में प्रस्थान करते हैं जहां कोई भय, घृणा, बीमारी नहीं है।  

“आर्यन” वामन और “द्रविड़ियन” महाबली”, यह सब बकवास है। यहाँ मनकोट (c.1700) से एक आधुनिक युग पूर्व का चित्र है। श्याम रंग का बौने सुंदर वामन हैं। और चित्र में चोटी वाला ब्राह्मण कोई और नहीं बल्कि महाबली हैं जोकि ऋषि कश्यप के वंशज थे।”

https://twitter.com/TIinExile/status/1299923036435394561?s=20

ये भी यहाँ उल्लेखनीय है की बहुचर्चित ‘मूलनिवासी ‘ आदर्श रावण भी एक ब्राह्मण था जो अपने अहंकारवश और दूसरों से छीनने के स्वभाववश अत्याचारी बन गया था, और इसलिए महाविष्णु के एक अन्य अवतार, भगवान श्री राम, द्वारा पराजित किया गया था।  

अब प्रश्न यह उठता है कि भारत में हिंदू कब तक सहिष्णु बन कर इन अपमानों के प्रति विमुख होकर बैठा रहेगा? हिंदुओं को अब इन सब को इतना हल्के मे नहीं लेना चाहिए। ऐसे लोगों के विरुद्ध कई मामले दर्ज किए जा ही रहे हैं, जिससे भविष्य में इस तरह के अपमानपूर्ण वक्तव्यों पर अंकुश लग सके। सबसे पहले तो सभी हिंदुओं को यह मांग करनी चाहिए कि थॉमस और हिबी इडन की उनके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भर्त्सना हो जिससे ऐसी घृणास्पद टिप्पणियों पर अंकुश लगे। 

(प्रमोद सिंह भक्त द्वारा इस अंग्रेजी लेख का हिंदी अनुवाद)


क्या आप को यह  लेख उपयोगी लगा? हम एक गैर-लाभ (non-profit) संस्था हैं। एक दान करें और हमारी पत्रकारिता के लिए अपना योगदान दें।

हिन्दुपोस्ट  अब Telegram पर भी उपलब्ध है। हिन्दू समाज से सम्बंधित श्रेष्ठतम लेखों और समाचार समावेशन के लिए  Telegram पर हिन्दुपोस्ट से जुड़ें ।

Subscribe to our channels on WhatsAppTelegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.