“जिस फातिमा शेख को बताते हैं पहली महिला मुस्लिम टीचर, उसका वजूद ही नहीं? लेखक-चिंतक दिलीप मंडल बोले- मैंने गढ़ा था काल्पनिक कैरेक्टर, मुझे माफ करें”, ऑपइंडिया, जनवरी 09, 2025
“महिला शिक्षा के इतिहास में सावित्री बाई फुले के साथ-साथ आपको पिछले कुछ समय से फातिमा शेख का नाम भी सुनने को मिलता होगा। फातिमा कौन हैं ये सर्च करने पर जानकारी सामने आती होगी कि वो देश की पहली महिला मुस्लिम टीचर थीं जिन्होंने लड़कियों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अब इन्हीं फातिमा शेख को लेकर पत्रकार, लेखक, प्रोफेसर और चिंतक दिलीप मंडल ने बड़ा दावा किया है।
दिलीप मंडल ने अपने एक्स पर कन्फेशन डालते हुए लिखा, “मैंने एक मनगढ़ंत कैरेक्टर बनाया था- फातिमा शेख। कृपया मुझे माफ करें। सच्चाई तो ये है कि कोई फातिमा शेख कभी थी ही नहीं, वो कोई ऐतिहासिक हस्ती नहीं हैं। वो मेरी गलती थी कि अपने जीवन के एक निश्चित काल में मैंने इस नाम को अचानक गढ़ा। मैंने ये सब जानबूझकर ही किया था।”
दिलीप आगे कहते हैं- “आप इससे पहले गूगल में भी इस नाम की कोई एंट्री नहीं पाएँगे, न कोई किताब मिलेगी और न ही कहीं कोई जिक्र होगा……”
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