जैसे ही ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की बात सामने आई थी, वैसे ही अचानक से ही मुस्लिम और कथित लिब्रल्स ने शिवलिंग को लेकर तमाम तरह की उपहासजनक बातें आरम्भ कर दी थीं। ऐसे ही एक थे कश्मीर में कथित सेक्युलर कथन कहने वाले वकार एच भट्टी! उन्होंने भी शिवलिंग को लेकर बेहद ही अपमानजनक ट्वीट किया था और इतना ही नहीं हिन्दुओं को गोबर भक्त भी कहकर अपमानित किया था।

हालंकि जब उनके इस ट्वीट को लेकर शिकायतें दर्ज हुई थीं तो उन्होंने यह ट्वीट किया था कि उन्होंने कभी भी किसी धर्म का अपमान नहीं किया, और वह कर भी नहीं सकते हैं। जो लोग उनके खिलाफ एफआईआर लिखवा रहे हैं वह केवल राजनीति ही कर रहे हैं:
वकार की वाल पर जो भी वीडियो हैं, उनसे स्पष्ट होता है कि वह सुरक्षा बलों के खिलाफ ही अधिकतर बोलते हैं। खैर वकार पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चंचल बाबा ने धार्मिक भावनाएं आहत होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। और उसके बाद से ही वकार खुद को राजनीति का मारा बता रहा था।
एक यूजर ने बताया कि वकार भट्टी बारामूला से गिरफ्तार हुआ। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह बिस्तर के नीचे छिपा हुआ था।
जागरण के अनुसार बाबा चंचल सिंह का कहना है कि “भट्टी पर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का मामला भी दर्ज किया जाना चाहिए। वह अकसर देश विरोधी व सेना विरोधी बयान देता रहता है।वह आतंकियों का समर्थन करता है और यही कारण है कि आतंकी यासिन मलिक को भी साहब बोलता है।“
यह भी टीवी चर्चाओं में देखा गया है कि जहां वह खुद को मानवाधिकार कार्यकर्त्ता बताता रहता है, वहीं वह बार बार पकिस्तान से बात करने की जिद्द भी करता रहता है। वह आतंकियों की भी वकालत करता रहता है। अब सोशल मीडिया पर लोग इस बात की प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं कि उसे हिरासत में ले लिया गया है।
जम्मू के एक यूजर ने कहा कि उसे पहले भी आरती टिक्कू आईना दिखा चुकी है, वह कश्मीरी नहीं है इसलिए उसे कश्मीरी बोलना बंद किया जाए। वह आदतन अपराधी है और अब उसने पवित्र शिवलिंग का अपमान किया है
वहीं अलगाववादी लोग उसके समर्थन में भी आ गए है और यह कहा जाने लगा है कि उसकी गिरफ्तारी से स्थितियां बिगड़ेंगी ही
एक ओर जहाँ यह समाचार सामने आ रहा है कि वुजुखाने में शिवलिंग को फुव्वारा साबित करने के लिए शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ की गयी, तो वहीं कथित लिबरल मुस्लिम के शिवलिंग के विषय में विचार बहुत ही दुखी करने वाले थे।
कल ही यह बात सामने निकल कर आई थी कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को चकरीनुमा लोहे की वस्तु से फव्वारा की शक्ल देने का प्रयास किया गया था,बाद में चकरी को स्टोर रूम में रख दिया था।
उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता प्रशांत पटेल ने यह ट्वीट करते हुए कहा था कि
लोहे की वस्तु से फव्वारा की शक्ल देने का प्रयास किया गया था,बाद में चकरी को स्टोर रूम में रख दिया था।
सर्वे के बाद जब शिवलिंग मिले तो सबूत मिटाने के लिए मोमिनों द्वारा उस चकरी को बाहर ले जाते समय CRPF जवानों ने मुस्लिम युवक को पकड़ लिया है।
इतना ही नहीं, जब शिवलिंग सामने आने की बात आई थी तो अचानक से ही कई लोग शिवलिंग पर आपत्तिजनक ट्वीट करने लगे थे। यदि मुस्लिम पक्ष की आस्था पर कोई हल्का सा उपहास करता है तो वह उसे जिन्दा रहने तक का अधिकार नहीं देते हैं, जैसा हम गुजरात में भी देख चुके हैं, और कमलेश तिवारी के मामले में देख चुके हैं, परन्तु यही लोग हिन्दुओं की आस्था को तार तार करने में सबसे आगे रहते हैं।
यह देखना भी अत्यंत क्षोभ से भरा था कि भारतीय जनता पार्टी का विरोध करने के लिए दूसरे दलों के हिन्दू कार्यकर्ता भी शिवलिंग का अपमान करने के लिए जैसे कतारबद्ध हो गए थे।
फिर भी हिन्दुओं पर असहिष्णु होने का आरोप लगाने वालों ने यह नहीं देखा कि हिन्दुओ ने कानून का सहारा लिया और धार्मिक भावनाएं आहत होने पर शिकायत दर्ज करने का अधिकार उन्हें संविधान देता है!