spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
26.7 C
Sringeri
Wednesday, October 9, 2024

आतंकी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ का दावा, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में लगाए गए खालिस्तानी झंडे केजरीवाल की रैली के माध्यम से भेजे गए

आतंकवादी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में लगाए गए खालिस्तानी झंडे सिख सदस्यों के माध्यम से भेजे गए थे, जो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मंडी में अरविंद केजरीवाल की जनसभा में भाग लेने गए थे।

जैसा कि ज्ञात है, रविवार सुबह धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और चारदीवारी पर खालिस्तान के झंडे बंधे हुए पाए गए। प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख और नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया है कि ये खालिस्तानी झंडे उनके द्वारा ही भेजे गए थे। पन्नू ने दावा किया कि ये झंडे उनके कार्यकर्ताओं के माध्यम से हिमाचल प्रदेश भेजे गए थे। पन्नू के साथी 6 मई को अरविंद केजरीवाल की जनसभा में भाग लेने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मंडी गए थे।

Picture Source – ANI

पन्नू ने कहा कि “चूंकि केजरीवाल-भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा चुनाव के समय खालिस्तानी समर्थक सिखों से लगभग 6 मिलियन डॉलर से अधिक का दान लिया था, अब एसएफजे अपने कार्यकर्ताओ का उपयोग खालिस्तान जनमत संग्रह को प्रायोजित करने में करेगा। पन्नू ने आगे कहा, “धर्मशाला में खालिस्तान के झंडे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि हिमाचल प्रदेश को खालिस्तान जनमत संग्रह के माध्यम से फिर से प्राप्त किया जाएगा और इसे फिर से पंजाब का हिस्सा बनाया जाएगा।

खालिस्तानी झंडो और दीवार पर उकेरी गयी तस्वीरों के सामने आने के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जांच के आदेश दिए थे। 26 अप्रैल को जारी एक खुफिया अलर्ट में इस तरह की घटना की चेतावनी दी गई थी और यह भी बताया जाता है कि पन्नू ने हिमाचल सरकार को एक पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि शिमला में सिख चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले और ‘खालिस्तान’ का झंडा फहराया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश में खालिस्तान जनमत संग्रह की योजना बना रहा एसएफजे

एसएफजे ने घोषणा की है कि जून 2022 में, ऑपरेशन ब्लूस्टार की 38वीं वर्षगाँठ के समय वे हिमाचल प्रदेश में खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए मतदान करवाएंगे। सिख्स फॉर जस्टिस द्वारा छह जून को खालिस्तान जनमत संग्रहकराने का आह्वान किए जाने के बाद हिमाचल पुलिस ने राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी है और समस्त अंतर-राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है।

Picture Source – SFJ

यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि स्वतंत्रता के पश्चात हिमाचल प्रदेश और हरियाणा तत्कालीन पंजाब राज्य के ही भाग थे, बाद में भाषा और जनसँख्या के अनुसार 2 नए राज्य बनाये गए। खालिस्तानी संगठनो ने इसे एक बड़ा विषय बना रखा है, और वे येन केन प्रकारेण हिमाचल प्रदेश को अपने खालिस्तान देश का भाग बनाना चाहते हैं, हालाँकि यह एक दिवास्वप्न ही रह जाएगा।

पन्नू पर यूएपीए (UAPA) की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज

हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के अनुसार सिख्स फॉर जस्टिस के मुखिया और नामित आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 153 बी के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश विरूपण की रोकथाम अधिनियम की धारा 3 के तहत मुख्य आरोपी के रूप में मामला दर्ज किया गया है। यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार वर्ष 2019 में ही सिख्स फॉर जस्टिस संगठन को भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण प्रतिबंधित कर चुकी है।

क्या आम आदमी पार्टी के एसएफजे के साथ घनिष्ठ संबंध हैं?

आम आदमी पार्टी के सिख्स फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तान समर्थक समूहों से संबंध होने की अफवाहें नई नहीं हैं। अगर आपको याद हो तो पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को भारी जीत मिलने के एक दिन बाद एसएफजे ने सनसनीखेज दावा किया था। एक पत्र में, एसएफजे ने लिखा था कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब जीतने के लिए खालिस्तानी समर्थक तत्वों द्वारा प्रदान किए गए विदेशी धन का प्रयोग किया था, वहीं भारी मात्रा में खालिस्तानी समर्थकों ने भी आम आदमी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार और मतदान किया था।

Picture Source – SFJ

इस पत्र में बताया गया था कि 17 फरवरी को ‘आप’ ने पन्नू के नाम पर एक नकली पत्र प्रसारित किया था, ताकि यह झूठा दावा किया जा सके कि एसएफजे पंजाब चुनावों में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रहा था। इस पत्र को एसएफजे के पन्नू ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में अस्वीकार कर दिया था।

पत्र में यह भी बताया गया था कि 18 फरवरी को, एसएफजे द्वारा नकली पत्र की निंदा करने के तुरंत बाद, स्वयं को आप प्रवक्ता राघव चड्ढा कहने वाले एक व्यक्ति ने एसएफजे को फोन किया था, और उन्हें नकली पत्र का स्वामित्व लेने का आग्रह भी किया था। इसके लिए संगठन को धन का लालच दिया गया था और आश्वस्त किया गया था कि सत्ता में आने पर खालिस्तान जनमत संग्रह के समर्थन में पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री चन्नी ने भी केंद्र सरकार को यह पत्र संलग्न किया था और उचित जांच कर एसएफजे और आम आदमी पार्टी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने की प्रार्थना की थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि वह आम आदमी पार्टी और एसएफजे के गठजोड़ की व्यक्तिगत रूप से जांच करवाएंगे, हालांकि अभी तक इस दिशा में कुछ भी ठोस नहीं किया गया है।

ऐसा लगता है कि इन खालिस्तानी आतंकवादियों और आम आदमी पार्टी जैसे उनके समर्थकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का समय आ गया है। उन्होंने पंजाब में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बर्बाद कर दिया है, और अब पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। इन तत्वों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई समय की मांग है, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।

Subscribe to our channels on Telegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.