“हिंदुओं ने संत कनक दास की प्रतिमा स्थापित की तो मुस्लिमों ने जबरन हटाया, 22 मई को होना था लोकार्पण”, ऑपइंडिया, मई 25, 2025
“तेलंगाना के गट्टू मंडल में हिंदुओं ने भक्त संत कनक हरिदास की प्रतिमा स्थापित की थी, लेकिन मुस्लिमों ने उसे जबरन हटा दिया। भक्त संत कनक हरिदास की इस मूर्ति का 22 मई 2024 को अनावरण किया जाना था, लेकिन मुस्लिमों के विरोध की वजह से न सिर्फ मूर्ति को हटाना पड़ा, बल्कि इस कार्यक्रम को ही रद्द करना पड़ा। पीड़ितों का आरोप है कि तेलंगाना की कॉन्ग्रेस सरकार और पुलिस आरोपितों का ही साथ दे रही है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला जोगुलंबा गडवाल जिले के गट्टू मंडल में आने वाले गोरलाखंखोड्डी का है। जहाँ कुरुवा समुदाय के लोग संत कनकदास को अपने कुलदेवता के रूप में पूजते हैं। 22 मई 2024 की सुबह पूरा समुदाय सुबह 4 बजे से ही पूजा-पाठ कर रहा था, लेकिन सुबह 7 बजे के आसपास स्थानीय मुस्लिम मौके पर पहुँच गए और संत कनकदास की प्रतिमा को जबरन वहाँ से हटा दिया, जबकि जिस जगह पर संत कनकदास की मूर्ति स्थापित की जानी थी, वो जमीन निजी थी और हिंदुओं की ही है।
स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि मूर्ति को एक निजी जमीन पर स्थापित किया गया था, जिसके सभी उचित दस्तावेज और स्वामित्व के कागजात मौजूद थे। लेकिन गाँव के कुछ मुस्लिम परिवारों ने इसका विरोध किया। मुस्लिमों ने कहा कि मूर्ति की वजह से रास्ते में रुकावट आएगी। हिंदुओं का कहना है कि मूस्लिमों के घरों के लिए जाने के लिए 2 तरफ से सड़क हैं, लेकिन वो मूर्ति नहीं लगाने दे रहे। बाद में मुस्लिमों ने ये कहा कि वो मूर्ति ही नहीं लगाने देंगे, क्योंकि उनके घर पास में ही हैं। इस मामले में हिंदुओं ने मोहम्मद, मबूसाब, इमाम, रंजू और नवाब को आरोपित बनाते हुए पुलिस को शिकायत दी है…..”
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