कल पंजाब में पटियाला में दो गुटों अर्थात शिवसेना बालठाकरे और खालिस्तानी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई और उसके बाद पटियाला में कर्फ्यू लगा दिया गया। इन्टरनेट पर रोक है और अब पुलिस कार्यवाही कर रही है। पटियाला पुलिस की ओर से यह कहा गया है कि तथ्यात्मक जानकारी पुलिस और प्रशासन द्वारा आपको समय-समय पर दी जाएगी। आप उसी पर विश्वास करे। यदि कोई गलत सूचना फैलाने की कोशिश करता है तो आप उस पर विश्वास न करे: नानक सिंह, एसएसपी, पटियाला
इसी बीच पटियाला में चल रहे तनाव के बीच और विपक्ष के निशाने पर आए मुख्यमंत्री मान ने कड़े कदम उठाते हुए आईजी, एसएसपी को हटाकर दूसरी जगह भेज दिया है।
पुलिस की भूमिका पर कुछ वीडियो के आधार पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं, जिनमें जंग लगी बंदूकों के साथ लडती हुई नजर आई थी। टीवी9 भारतवर्ष के एक वीडियो में ऐसा कहा गया कि उग्र भीड़ के सामने पुलिस बेबस थी
दरअसल सिख फॉर जस्टिस के कन्वीनर आतंकी गुरपत्वंत मान ने 29 अप्रेल को खालिस्तान का स्थापना दिवस मनाने की घोषणा की थी और इसी का विरोध करने के लिए शिव सेना ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों में खालिस्तान मुर्दाबाद का मार्च निकाला था। सूचना के अनुसार पटियाला में शिवसेना बालठाकरे के पंजाब कार्यकारी प्रधान हरीश सिंगला के नेतृत्व में आर्यसमाज चौक से खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकाला गया। शिव सैनिक जब खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जा रहे थे तो खालिस्तान समर्थक एक गुट आ गया और तलवारें लेकर दोनों में आमना सामना हुआ।
और इन्हीं सब के बीच मंदिर आ गया। कालीमाता मंदिर में स्थिति तनावपूर्ण हो गयी थी, जैसा कई वीडियो में दिखाई दिया। वहीं इस घटना के बाद हरीश सिंगला को हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया है
वहीं मंदिर पर हमले को लेकर हिन्दू संगठनों में रोष है और मीडिया के अनुसार हिन्दू संगठन सिंगला से भी नाराज हैं। हालांकि हिन्दू संगठनों ने कहा है कि वह सिंगला से नाराज अवश्य हैं, परन्तु वह खालिस्तानी समर्थकों का विरोध करने के लिए बंद का आह्वान कर रहे हैं। opindia के साथ बातचीत में उनका कहना यह है कि
सिंगला को विरोध प्रदर्शन करना ही तो अन्य तरीके से किया जा सकता था। उन्होंने गलती की है, उसकी सजा उन्हें मिल रही है। लेकिन, खालिस्तान समर्थकों को काली माता मंदिर पर हमला नहीं करना चाहिए था। यह बंद उन्हीं लोगों पर कार्रवाई की माँग को लेकर बुलाई गई है।
opindia के साथ बातचीत करते हुए पटियाला के कालीमंदिर के महंत ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि
“हरीश सिंगला हमारे शहर के लोग हैं, हमारे अपने लोग हैं। लेकिन, अगर किसी एक व्यक्ति के काम को लेकर पूरी कम्युनिटी पर प्रोब्लम आएगी तो इसमें क्या करना चाहिए? हरीश सिंगला दोषी है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने मंदिर पर अटैक किया वे भी दोषी हैं। मंदिर ने तो किसी को कुछ नहीं कहा था। मंदिर पर अटैक क्यों किया गया? पंजाब में आतंकवाद के दौरान भी मंदिर पर कभी अटैक नहीं हुआ।”
यह प्रश्न वास्तव में बहुत हैरान करने वाला है कि खालिस्तान का अर्थ हिन्दुओं के मन्दिरों का विध्वंस कैसे हो गया? और मंदिरों के प्रति इस घृणा का कारण क्या है?
मंदिर पर हमले के साथ ही दुकानों को क्षतिग्रस्त किया गया और साथ ही दुकानों से लगभग 25 से 30 हजार रूपए की चोरी भी कर ली है।
जब पुलिस अधिकारी हिन्दू संगठनों से मिलने पहुंचे तो संतों ने भी यही प्रश्न किया कि इतने दिनों से खालिस्तानी समर्थक सोशल मीडिया पर खुले आम धमकी दे रहे थे तो आप कहाँ थे?
विपक्ष हुआ हमलावर
पटियाला में हुई इस हिंसा के चलते अब विपक्ष भी हमलावर हो गया है। और साथ ही लोग भी सरकार से अपील कर रहे हैं कि खालिस्तानी समर्थकों को पकड़ा जाए
वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता अनुराग ठाकुर ने भी पंजाब की कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि “उनके रिश्ते जिन लोगों के साथ हैं और किस सोच को वो बढ़ावा देते हैं, इसपर भी सवाल उठाए गए। पटियाला में जो हुआ है, वो संकेत है कि पंजाब में क़ानून व्यवस्था कैसे चरमरा रही है:”
वहीं मुख्यमंत्री इसके लिए भाजपा और अकालीदल अमृतसर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
कांग्रेस के सांसद रणवीर बिट्टू का कहना था कि बार-बार हम लोगों को कहते थे कि पंजाब बॉर्डर स्टेट है, अनाड़ी आदमी के हाथ में सरकार मत दीजिए’ और वहीं उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से अपील भी की कि सिख और हिन्दुओं के बीच सदियों से प्रेम और सद्भाव रहा है किसी कट्टर संगठन के बहकावे में आकर इसे नष्ट न करें। और खालिस्तान कभी भी और किसी भी सरकार द्वारा नहीं बनाया जा सकता है। हमें एक साथ रहना है
यह देखना महत्वपूर्ण है कि सरकार द्वारा इस घटना पर क्या कदम उठाए जाते हैं क्योंकि मंदिर पर हमला साधारण नहीं है और मंदिर पर हुए हमले का विरोध सभी को एक स्वर में करना ही चाहिए! अब पंजाब पुलिस और सरकार के कदमों पर पूरे देश की नजर है क्योंकि पूरा देश एक बार कहीं फिर से आतंकवाद की आग में न जल पड़े, इसका ध्यान रखना ही होगा!