“मैं हिंदू हूं, मुझे काफिर क्यों कहा जाता… पाकिस्तानी सीनेटर का संसद में छलका दर्द, धर्म परिवर्तन के खिलाफ उठा चुके आवाज”, नवभारत टाइम्स, नवंबर 10, 2025
“पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। हिन्दुओं को पाकिस्तान में दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है। पाकिस्तान में हिन्दू को संविधान ने ना तो प्रधानमंत्री और ना ही राष्ट्रपति बनने का अधिकार दिया हुआ है। वहीं, पाकिस्तान में अब 2 प्रतिशत से भी कम हिन्दू बचे हैं। ज्यादातर हिन्दुओं को पाकिस्तान में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बना दिया गया है, उनके साथ हर एक कदम पर भेदभाव किया जाता है। इन्हीं बातों को लेकर पाकिस्तान के सीनेटर दानेश कुमार का देश की संसद में दर्द छलका है।
दानेश कुमार बलूचिस्तान से सांसद हैं और लो बलूचिस्तान अवामी पार्टी से सीनेटर हैं। उन्होंने पाकिस्तान की संसद में ‘काफिर’ कहे जाने पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि “आप लोग मजहबों से क्यों तोलते हो? मैं हिन्दू हूं, मुझे काफिर क्यों कहा जाता है? इस बात को पाकिस्तान के संविधान में शामिल किया जाना चाहिए।”
पाकिस्तान में हिन्दुओं से भेदभाव
इससे पहले पाकिस्तानी हिंदू नेता और सीनेट सदस्य दानेश कुमार पलयानी ने 30 अप्रैल 2024 को देश के सिंध प्रांत में गंभीर मानवाधिकार संकट पर चिंता जताई और कहा था, कि हिंदू समुदाय की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। पाकिस्तानी सीनेट में उन्होंने कहा था कि “आप देखिए, सिंध में डाकू हमारी हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। मिट्टी के किलों वाले इलाकों में डाकू लोगों का अपहरण करते हैं, लेकिन बस्तियों वाले इलाकों में डाकू लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहे हैं। जबकि पाकिस्तान हमें यह अधिकार देता है कि कोई भी किसी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर न करे……”
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