जब भी लव जिहाद या ऐसी कोई भी घटना जिसमें यह हो हिन्दू लड़की के साथ मुस्लिम युवक ने अत्याचार किया, सामने आती है तो लोग सेलेब्रिटी आदि के उदाहरण देने लगते हैं और यह प्रमाणित किया जाने लगता है कि दरअसल जो कुछ भी विवाद हैं वह और कुछ नहीं बल्कि हिन्दू कट्टरपंथियों की चाल है, और यही कहा जाता है कि यह “शिगूफा” अर्थात दिमागी प्रपंच है!
परन्तु क्या यह मात्र प्रपंच है, या फिर यह हिन्दुओं से घृणा करने वाले एक बड़े समूह का दुष्प्रचार है कि ऐसे मामले सच नहीं होते? कुछ भी कहा जाए, परन्तु यह सत्य है कि ऐसे मामले सेलेब्रिटीज में भी होते हैं। और होते रहते हैं। ऐसे भी सेलेब्रिटीज जो लिब्रल्स के दुलारे हैं, उन पर भी इस प्रकार की हरकतों के आरोप लगते रहते हैं।
ऐसे ही एक लिबरल कलाकार हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी!
नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों फिर से चर्चा में हैं। वह चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि उनपर उनकी बीवी आलिया ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि पहले से ही घरेलू हिंसा का आरोप उनकी बीवी लगाती आई थीं, मगर अब कुछ और भी गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें अपने शौहर के घर में हॉल में ही रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
आलिया ने एक इन्स्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि वह अपने शौहर के घर में हॉल में रह रही हैं। और उनके पास अपना कमरा नहीं है, उन्होंने कहा कि उन पर सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है और साथ ही उनके बच्चे एक हॉल में सोफा जोड़कर सो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके हर कदम पर नजर रखी जा रही है और कोई भी प्राइवेसी नहीं हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सभी सातों बेडरूम उनके ससुराल वालों ने बंद कर दिए हैं और उनके शौहर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का कुछ पता नहीं चला है।
यहाँ तक कि उनके वकील को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। फिर उन्होंने कहा कि क्या उनके ससुरालवालों का अत्याचार कभी बंद होगा?”
यह जानना भी रोचक है कि आलिया का पहले नाम अंजना था, अंजना किशोर पांडेय, जो निकाह के लिए आलिया हो गया था।
उनके वकील ने लगाए कई आरोप:
वहीं आलिया के वकील ने भी कई आरोप लगाते हुए कहा नवाज़ के घरवालों ने आलिया को पिछले सप्ताह से खाना नहीं दिया है और वह उन्हें बेडरूम और बाथरूम प्रयोग नहीं करने दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नवाज और उनके परिवार के सदस्यों ने आलिया को घर से बाहर निकालने की हर संभव कोशिश की है। उन्होंने आलिया पर ज़ुल्म किए और आलिया पर ही केस दर्ज कराया। यहाँ तक कि पुलिस की धमकी भी दी!
रिजवान ने तो पुलिस पर भी उंगली उठाते हुए कहा कि यद्यपि वह पुलिस की कार्यवाहियों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहते हैं, परन्तु फिर भी यही सच है कि कोई भी पुलिस अधिकारी अलिया के हितों की रक्षा के लिए आगे नहीं आया।
यह बहुत ही हैरानी भरी बात है कि लगभग हर मामले में अग्रणी रहकर विमर्श लिखने वाली फेमिनिस्ट नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के घरवालों की इस हिंसा के विरुद्ध बोल नहीं रही हैं, वह तनिक भी इन्हें विमर्श में नहीं ला रही हैं, जबकि किसी अन्य अभिनेता या स्वरा भास्कर जैसी अभिनेत्रियों के पक्ष में बोलने के लिए इनके पास समय भी है और विमर्श भी! जबकि इस मामले में तो वकील स्वयं मीडिया में आकर कह रहे हैं कि ऐसा उनकी क्लाइंट अर्थात आलिया के साथ हो रहा है, फिर भी वह पूरी लॉबी मौन है!
जबकि आलिया शायद ही किसी कथित हिन्दू समूह की सदस्य हों या फिर उनकी कोई हिन्दू पहचान शेष हो? क्योंकि धार्मिक हिन्दू पहचान ही उनके लिए अस्पर्श्य होती है, शेष तो वह हर विषय या मुद्दे पर बोलती ही हैं। फिर भी इस मामले पर मौन रहना समझ से परे है, हालांकि वह अभी तक तसलीमा नसरीन के साथ जिहादी जो शाब्दिक हिंसा कर रहे थे, उस पर भी मौन हैं।
हालांकि मीडिया और कथित प्रगतिशील लोग बार-बार यह विमर्श बनाते हैं कि लव जिहाद कुछ नहीं होता है, यह कुछ पिछड़े हिन्दुओं के दिमाग की उपज है तो वहीं आलिया उर्फ़ अंजना किशोर पांडे के जीवन की घटनाएँ यह बताती हैं कि नहीं यह मात्र एजेंडा है ही नहीं, यह सत्य है!