“Hubballi Murder Case: “फैयाज” एक सोच है और जब तक ये सोच कायम है लड़कियां मारी जाती रहेंगी”, पाञ्चजन्य, अप्रैल 24, 2024
“कर्नाटक के हुबली में एक मासूम बच्ची की हत्या उसके सिरफिरे एकतरफा आशिक ने इसलिए कर दी क्योंकि उस बच्ची ने फैयाज का यौन प्रलोभन का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
कर्नाटक के हुबली में एक मासूम बच्ची की हत्या उसके सिरफिरे एकतरफा आशिक ने इसलिए कर दी क्योंकि उस बच्ची ने फैयाज का यौन प्रलोभन का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। ये पहला मामला नहीं है और जब तक ये सोच जिंदा है और इस सोच को “ईंधन” देने वाले संसाधन मिलते रहेंगे तब तक ऐसे मामले हमें आईना दिखाते रहेंगे और हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को चुनौती देते रहेंगे।
आखिर क्या है यह सोच ?
यह पुरुषों को श्रेष्ठ मानकर स्त्रियां को केवल उपभोग की संपत्ति मानने वाली सोच, मासूम बच्चियों के यौन शोषण को धार्मिक व्यवस्था बताने वाली कट्टरपंथी सोच, कम उम्र की बच्चियों के रजस्वला होते ही उनको संतति उत्पन्न करने की मशीन मानने वाली सोच, नाबालिग बालिकाओं के यौन शोषण को पौरुष शक्ति के प्रदर्शन का तरीका मानने वाली सोच है….”
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