कानपुर में 3 जून को हुई मजहबी हिंसा के विषय में एसआईटी ने बड़ी कार्यवाही की है। एसआईटी ने बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा को गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस के अनुसार बाबा बिरयानी के नाम से प्रसिद्द मुख्तार बाबा की कानपुर हिंसा के लिए दंगाइयों को पैसा देने में बड़ी भूमिका पायी गयी है। इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि हिंसा का मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी पैसे के लेन देन के लिए मुख्तार बाबा के ही पास आता था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 3 जून को जुम्मे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ इलाकों में जमकर मजहबी पत्थरबाजी और हिंसा हुई थी। मामला दुकान बंद कराने को लेकर शुरू हुआ था और देखते ही देखते दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे। हिंसा के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया।
उत्तर प्रदेश की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम हिंसा के बाद से ही कई संदिग्ध लोगो की धरपकड़ कर रही है। दंगों के मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी से जब पूछताछ आरंभ की गई थी तो उसने कई बड़े नामों का खुलासा किया था, साथ ही उसने बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा का नाम भी बताया था, जिनसे वह संपर्क में था। हाशमी ने क्राउडफंडिंग की सहायता से पैसा एकत्र किया था, इसमें मुख्तार बाबा ने उसकी सहायता की थी। यह भी ज्ञात हुआ है कि मुख्तार बाबा पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बाबा बिरयानी ने दंगाइयों को खाना खिलाया और पैसे दिए
एसआईटी ने बताया कि बाबा बिरयानी ही वो व्यक्ति था, जो पत्थरबाजी के लिए बुलाए गए लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करता था । इसके अतिरिक्त वह दंगाइयों को पैसा भी बांटता था, और इसके लिए हाशमी उसकी सहायता करता था। हिंसा के बाद से ही मुख्तार फरार चल रहा था, कल ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने मुख्तार की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, “कई नाम सामने आए हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। मुख्तार बाबा का नाम भीड़ की फंडिंग में सामने आया था। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।”
बाबा बिरयानी ने राम-जानकी मंदिर की जमीन पर किया अवैध कब्ज़ा
इस बात के भी साक्ष्य मिले हैं कि मुख्तार ने अवैध रूप से एक मंदिर की जमीन पर कब्ज़ा कर उस पर रेस्टोरेंट बना रखा है। सरकारी रिकॉर्ड में जो जगह राम-जानकी मंदिर के तौर पर दर्ज है, वहीं इस समय बाबा बिरयानी रेस्टोरेंट चल रहा है। शत्रु संपत्तियों की जांच के समय यह बात सामने आई थी। सरकारी सूत्रों ने अनुसार कानपुर के बेकनगंज स्थित डॉक्टर बेरी चौराहा का भवन संख्या 99/14ए रिकॉर्ड में राम-जानकी मंदिर ट्रस्ट के अधिकार में आता।
यहाँ भगवान श्रीराम का मंदिर था, जहां अस्सी के दशक तक पाठ पूजा हुआ करती थी। लेकिन अब मंदिर जर्जर हालत में है और इसका कुछ ही भाग बचा हुआ है। मंदिर के अन्य हिस्सों को तोड़कर उसका इस्तेमाल रेस्टोरेंट की रसोई के तौर पर किया जा रहा है। ऐसा बताया जाता है कि मुख़्तार कभी राम-जानकी मंदिर के एक हिस्से में साइकिल रिपेयरिंग का काम किया करता था। उसने कैसे और क्यों इस भूखंड पर अवैध कब्ज़ा किया, यह प्रशासन को जांच करके पता लगाना चाहिए और उचित कार्यवाही करनी चाहिए।