मालदीव कुछ वर्षों पहले तक एक शांत देश माना जाता था, परन्तु धीरे धीरे वहां इस्लामिक कट्टरपंथियों ने अपना वर्चस्व बढ़ाना आरम्भ कर दिया। इस प्रयास को चीन और पाकिस्तान ने समर्थन दे कर मालदीव को इस्लामिक कट्टरपंथियों का गढ़ बना दिया है, और इसका परिणाम हमे यदा कदा दिखता ही रहता है। ताजा मामले में अंतराष्ट्रीय योग दिवस के दिन मालदीव के राष्ट्रीय फुटबाल मैदान में, भारत की ओर से आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में मजहबी भीड़ ने हमला कर दिया।
मालदीव के राष्ट्रीय फुटबाल मैदान में भारत के सांस्कृतिक केंद्र और मालदीव की सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया जा रहा था, तभी वहां इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। एकाएक हुए इस हमले से जनता अवाक रह गयी और वहाँ भगदड़ मच गयी, भारी अफरातफरी के बाद पुलिस को भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
इस वीडियो में पाठक देख सकते हैं कैसे एकाएक इस्लामिक कटटरपंथियों का एक समूह मैदान में घुस आता है, इन लोगो ने हाथों में झंडे और तख्ती ले रखी थी, जिस पर योग विरोधी नारे लिखे हुए थे। इस नारों में योग को ‘शिर्क’ बता इसका विरोध किया जा रहा है। इसी बीच वीडियो में दिखता है कि लोग उस वक्त चटाई में बैठकर योगाभ्यास करते नजर आ रहे थे। जैसे ही भीड़ मैदान में बैठे लोगों की तरफ बढ़ी तो पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया।
स्थानीय पुलिस अधीक्षक फथमथ नशवा ने बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करके मजहबी भीड़ को तितर-बितर किया, फिर भीड़ को नियंत्रित करने और पूरे इलाके को सुरक्षित करने के लिए काली मिर्च के स्प्रे और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। नशवा ने कहा कि इस घटना की प्राथमिक जांच के बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
स्थानीय समाचार एजेंसी बीएनएन के अनुसार पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद स्थिति और भी बिगड़ गयी और दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने कहा है कि इस घटना की जांच के लिए आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि मालदीव सरकार इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही है। सोलिह ने कहा, ‘पुलिस गालोलहू स्टेडियम में हुई इस घटना की जांच कर रही है। इस पूरे मामले को पूरी गंभीरता से लिया गया है और जो लोग इसके लिए उत्तरदायी हैं, उन्हें कानून का सामना करना होगा।’
मालदीव एक मुस्लिम बहुल देश है, लेकिन फिर भी यहाँ 2015 के पश्चात अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस आयोजन में स्थानीय सरकार, विदेशी कूटनीतिज्ञ, और जन-सामान्य लोग भाग लेते हैं। आज तक इस आयोजन का कोई विरोध नहीं किया गया था, इन योग-शिविरों में देसी-विदेशी या हिंदू-मुसलमान का कोई भेद-भाव नहीं किया जाता है।
यह भारत की सॉफ्ट-पावर का एक बड़ा उदाहरण है, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी के आह्वान पर दुनिया के सभी देशों में यह दिन मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी योग-दिवस को मान्यता दी है। हमे लगता है भारत के मालदीव पर बढ़ते प्रभाव से चीन और पाकिस्तान असहज हैं, और उन्होंने मालदीव में कट्टरपंथी तत्वों को समर्थन देना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ समय से वहां भारत विरोधी अभियान भी चलाये जा रहे हैं, हालाँकि वहां की सरकार ने ऐसे किसी भी अभियान का कड़ाई से दमन किया है, और भारत के साथ अपने सम्बन्धो को प्रगाढ़ बनाये रखने के हर प्रयास किये हैं।