“राजदीप सरदेसाई ने मिडिल क्लास को कहा भला-बुरा, वामपंथ के कमजोर होने और हिन्दू धर्म के मजबूत होने पर जताया दुःख: अब दे रहे सफाई”, ऑपइंडिया, अगस्त 6, 2023:
“किसी भी देश की उन्नति में वहाँ के मध्यम वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संख्या के हिसाब से सबसे अधिक होने के कारण यह टैक्स के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान भी करता है। इसलिए मीडिल क्लास को किसी देश की रीढ़ की हड्डी यानी बैकबोन भी कहा जाता है। इसी मीडिल क्लास को पत्रकार राजदीप सरदेसाई सांप्रदायिक बता रहे हैं।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजदीप ने कहा, “सच्चाई ये है कि हमारे देश का मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा सांप्रदायिक बन गया है। गरीब सांप्रदायिक नहीं होता। गरीब हिंदू-मुस्लिम को एक-दूसरे की जरूरत ज्यादा पड़ती है। जब हम अमीर, मीडिल क्लास बनते हैं तब हम हमारी धार्मिक आइडेंटिटी को सांप्रदायिकता में बदलते हैं।”
उन्होंने स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी नहीं छोड़ा। इंडिया टुडे चैनल के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने आगे कहा, “सोशल मीडिया हो या ह्वाट्सएप हो, जिस तरह की बयानबाजी होती है, वो मध्यमवर्गीय जो स्कूल, कॉलेज आदि में जाते हैं उनमें सबसे ज्यादा होती है…..”
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