“भारत की अर्थव्यवस्था हो सकती है पाकिस्तान का अगला निशाना, अमेरिका का रहेगा मौन समर्थन, एक्सपर्ट ने बताया खतरनाक प्लान!”, नवभारत टाइम्स, अक्टूबर 21, 2025
“भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती हर एक सेकंड इस बात का पता लगाना होता है कि हमारे दुश्मन चीन और पाकिस्तान, और अब काफी हद तक अमेरिका, भारत को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये एक अथक और लगातार चलने वाला काम है। इसीलिए आपको दुश्मन और उसके समर्थकों की तरह सोचना होगा ताकि आपको पता चल सके कि कहां और कैसे अपनी रक्षा करनी है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 11 एयरबेस गंवाने वाला पाकिस्तान अब क्या करने की कोशिश करेगा? 1970 के दशक से ही, पाकिस्तान जानता है कि वह पारंपरिक युद्ध में भारत को नहीं हरा सकता, इसलिए उसने आतंकवाद का रास्ता अपनाया। लेकिन अगर अब आतंकवाद भी काम नहीं आया, तो वो आगे क्या करेगा? हकीकत ये है कि पाकिस्तान, पिछले 10-12 सालों में भारत के अंदरूनी हिस्सों में आतंकी हमला करवाने में नाकाम रहा है और उसी की खीझ पुलवामा से लेकर पहलगाम का आतंकी हमला है। लेकिन अब जबकि भारत ने साफ साफ शब्दों में कहा है कि अगला आतंकी हमले का मतलब पाकिस्तान पर फिर हमला है तो फिर पाकिस्तान अब क्या करेगा?
भारत को हर हाल में नुकसान पहुंचाना पाकिस्तान का लक्ष्य!
सीनियर जर्नलिस्ट आर. जगन्नाथन ने दिप्रिंट में एक लेख में सी. क्रिस्टीन फेयर की किताब “फाइटिंग टू द एंड: द पाकिस्तान आर्मीज वे ऑफ वॉर” का हवाला दिया है। इस किताब में उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तानी सेना कई बार सामरिक हार स्वीकार कर सकती है, लेकिन उसका मुख्य लक्ष्य भारत की आँखों में धूल झोंकना और उसे नुकसान पहुंचाना है। यानि, चाहे हर बार हारे, लेकिन पाकिस्तान की सेना भारत को नुकसान पहुंचाने के लक्ष्य से पीछे नहीं हटेगी। आर. जगन्नाथन ने लिखा है कि “मेरा सबसे अच्छा अनुमान यही है कि भारत को भड़काने की पाकिस्तान की अगली कोशिश आर्थिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर केंद्रित होगी। पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को जो एक बात परेशान कर रही है, वह है भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और अगले 10-15 सालों में भू-राजनीति में तीसरे ध्रुव के रूप में उसके अपरिहार्य उदय की वैश्विक चर्चा। और इस उभरती हुई वास्तविकता को टालने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है…….”
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