“विरोध पर उतरा कांकेर का ये गांव, धर्मांतरण कराने वालों पर लगाया बैन, एंट्री गेट पर बोर्ड लगाकर दी चेतावनी”, स्टेट मिरर, अक्टूबर 11, 2025
“कांकेर के चारभाठा गांव ने धर्मांतरण को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर दी है. गांव वालों ने धर्मांतरण कराने वालों पर सख्त पाबंदी लगाई है और अपने एंट्री गेट पर एक बोर्ड लगाकर साफ चेतावनी जारी की है. यह कदम अपनी धार्मिक और सामाजिक पहचान बचाने के लिए उठाया गया है, जिससे गांव में इस तरह की गतिविधियों को पूरी तरह रोका जा सके.
इस फैसले के बाद चारभाठा जिला कांकेर का ऐसा 12वां गांव बन गया है जिसने धर्मांतरण विरोध में सख्त कदम उठाया है. गांव के मुख्य प्रवेश द्वार पर इस प्रतिबंध की घोषणा करते हुए एक बड़ा बोर्ड भी लगाया गया है.
क्यों भड़के ग्रामीण?
चारभाठा के ग्रामीणों का कहना है कि गांव के आठ परिवार ईसाई धर्म अपना चुके हैं, जिससे गांव की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता पर असर पड़ रहा है. उनका आरोप है कि कुछ लोग गांव में आकर भोले-भाले आदिवासी परिवारों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि यह सिर्फ धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि उनकी पारंपरिक रीति-रिवाज, देवी-देवताओं की मान्यता और सांस्कृतिक अस्तित्व पर हमला है…….”
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