अक्षय कुमार ने अपने दर्शकों से क्षमा मांगते हुए कहा है कि अब वह विमल इलायची का विज्ञापन नहीं करेंगे। जैसे ही यह विज्ञापन दर्शकों के सामने आया था, वैसे ही लोगों की नाराजगी फूट पड़ी थी। दर्शकों का कहना था कि कैसे पद्म पुरस्कार पाने वाले यह कलाकार आखिर कर क्या रहे हैं? क्या पद्म पुरस्कार पाने वालों को इस प्रकार के विज्ञापन करने चाहिए? यह एक सबसे बड़ा प्रश्न है कि क्या वास्तव में जिन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मिल जाता है, क्या उन्हें कई उत्पादों के विज्ञापन करने चाहिए?
क्या वह अपनी सरकारी सम्मान वाली छवि का दुरूपयोग तो नहीं कर रहे? यह प्रश्न उनसे कौन पूछेगा? पहले भी सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न मिलने के बाद भी कुछ उत्पादों के विज्ञापन में आने में प्रश्न उठे थे, फिर भी वह जनता के लिए प्रत्यक्ष हानिकारक नहीं थे, तो लोगों ने अधिक शोर नहीं किया! परन्तु अक्षय कुमार ने जब विमल “इलायची” का विज्ञापन किया तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा क्योंकि यह अप्रत्यक्ष रूप से किसका विज्ञापन है, यह सभी को ज्ञात है। और लोगों ने प्रश्न उठाने आरम्भ कर दिए।
यूजर्स ने उन्हें उनके पुराने बयान याद दिलाए
लोगों ने कहा कि विमल इलायची का विज्ञापन करने के बाद अक्षय कुमार का पतन आरम्भ हो गया है:
लोगों द्वारा मीम साझा किये जाने लगे थे। अक्षय कुमार को लेकर लोगों का गुस्सा इसलिए भी था क्योंकि अक्षय कुमार को कथित रूप से राष्ट्रवादी माना जाता है, हालांकि अक्षय कुमार की फिल्मों में भी वही प्रोपोगैंडा होते हैं, जो शेष फिल्मों में होते हैं, और उनकी पत्नी भी वामपंथी फेमिनिज्म का झंडा उठाए नजर आती हैं। जहाँ एक ओर अक्षय कुमार ने कश्मीर फाइल्स फिल्म की प्रशंसा की थी तो वहीं उनकी बीवी ट्विंकल खन्ना ने इस फिल्म पर जोक मारा था। और इतना ही नहीं ट्विंकल खन्ना ने “मनोज कुमार का भी मजाक उड़ाते हुए उन्हें क्लर्क की संज्ञा दी थी!
इस पर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कड़ा विरोध करते हुए लिखा था कि मनोज कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने का अर्थ है अपने पिता राजेश खन्ना पर अपमानजनक टिप्पणी करना
यहाँ पर तो पति-पत्नी के बीच मतभिन्नता की बात है, तो इसे स्वीकारा जा सकता है, परन्तु अक्षय कुमार जो कथित रूप से ऐसे व्यक्ति हैं, जिनमें आम लोग एक कथित राष्ट्रवादी की छवि देखते हैं, तो ऐसे में लोगों के लिए इस बात पर विश्वास करना कठिन हो रहा था कि क्या ऐसा भी हो सकता है कि कुछ वर्ष पहले तक ऐसा कोई भी विज्ञापन न करने की बात करने वाला अक्षय कुमार ऐसा विज्ञापन कर सकता है?
जब विरोध बहुत बढ़ा तो अक्षय कुमार ने क्षमा मांगते हुए कहा कि अब वह इससे अपना नाम वापस लेते हैं और वह इस अनुबंध से प्राप्त आय को दान में खर्च करेंगे! और जब तक का विज्ञापन का अनुबंध है, तब तक वह विज्ञापन चलता रहेगा!
instagram पर क्षमा मांगते हुए लिखा कि
“मैं अपने सभी चाहने वालों से क्षमा मांगना चाहता हूँ। पिछले कुछ दिनों में आपने जो भी मेरे इस कदम के लिए प्रतिक्रिया दी है, उसने मुझे बहुत अधिक प्रभावित किया है हालांकि मैंने तम्बाकू का विज्ञापन नहीं किया है और न ही करूंगा, फिर भी मैं विमल इलायची के साथ जो मेरा साथ है, उसे लेकर आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूँ। इसलिए पूरी विनम्रता के साथ मैं अपना उठाया गया कदम वापस लेता हूँ। साथ ही मैंने यह भी फैसला किया है कि जो भी मुझे इस अनुबंध से रकम मिली है, उसे मैं दान में दे दूंगा। ब्रांड चाहे तो इस एड को तब तक प्रसारित करना जारी रख सकता है जब तक कि उसके अनुबंध की कानूनी अवधि पूरी नहीं होती है।”
यह बात सही है कि उन्होंने जनता के आक्रोश को ठंडा करने के लिए यह पत्र लिखा, या post लिखी! परन्तु यह भी सत्य है कि यदि उन्हें इतना ही पश्चाताप होता तो वह पारिश्रमिक दान न करके उसे वापस कर देते और यह भी कहते कि अनुबंध है वह समाप्त कर रहे हैं एवं विज्ञापन को तत्काल ही रोकने के लिए कानूनी कदम उठाते!
यह किसी दानवीरता है कि पहले कैंसर फैलाने वाले ब्रांड का विज्ञापन किया जाए और फिर दान का नाटक?
यह क्षमा भी एक प्रकार का छल है क्योंकि अक्षय कुमार को यह पता है कि उनकी फिल्मों के दर्शक कौन हैं? साथ ही यह भी प्रश्न है कि क्या उन्हें यह नहीं पता होता कि आखिर एक कलाकार के भी कुछ सामाजिक उत्तरदायित्व होते हैं? या इन लोगों ने स्वयं को सबसे बढ़कर माना हुआ है?