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Friday, June 27, 2025

अब बोर-वेल से गर्मियों में भी पर्याप्त पानी मिल रहा है

भारत में सालाना 1,170 मिलीमीटर औसत वर्षा होती है , जो कि अमेरिका से 6 गुना अधिक है। वर्षा और हिमपात से हमें कुल 40 करोड़ हेक्टेयर मीटर पानी मिलता है। लेकिन कुल 9.5% प्रतिशत पानी का ही उपयोग हो पाता है, क्योंकि पानी की बड़ी मात्रा को न रोक पाने के कारण वो व्यर्थ नदी के रास्ते खारे समुद्र में जा मिलता है।

पानी को रोकने के अनेक उपाय हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर इस कार्य को करने की भू-जल वैज्ञानिकों ने रैन-वाटर हार्वेस्टिंग विधि बतायी है। इससे से जुड़ा बड़ा ही प्रेरक प्रसंग इंदौर-भोपाल मार्ग के निकट स्थित जावर नगर में देखने को मिलता है। यहाँ पर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र प्रबंधन ने अपने भवन में पिछले साल वर्षा पूर्व रेन-वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित किया। पहले मुश्किल से आसपास के इलाके में स्थित बोरवेल से फरवरी तक ही पानी मिल पाता था। और अब अप्रैल-मई में भरपूर पानी मिल रहा है।

स्वास्थ केंद्र के डॉ अमित माथुर बताते हैं कि भूजल कम हो जाने के कारण पिछले वर्ष एक लोक स्वास्थ यांत्रिक विभाग के भूजल-वैज्ञानिकों की टीम को बुलाया गया। जांच में पता चला, जलस्तर 550 फीट नीचे चला गया है। भूजल वैज्ञानिकों से सलह मिली कि इसका निदान वाटर-हार्वेस्टिंग से संभव है।

आगे बढ़कर, स्थानीय नागरिकों को प्रेरित करते हुए सामुदायिक स्वास्थ केंद्र ने सर्वप्रथम अपने यहाँ रैन-वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया। जिसके लिए पहले 13×11×15 का गड्डा खोदा गया। फिर उसमें बजरी, पत्थर, कंकड़ ईंट के टुकड़े और रेत क्रमानुसार डाली गई। फिर जिससे उसमें पानी पहुंचे, उसको पाइप के माध्यम से स्वास्थ केंद्र की 12,200 वर्ग फिट की छत से जोड़ा गया।

अब उसमें लगभग 15 लाख, 343 लीटर वर्षा का जल इकट्ठा होता है, जो कि आसपास के ट्यूबवेल-हैन्डपंप को गर्मी में भी जीवित रखता है। और फिर भू-जल स्तर को बनाये रखने के साथ ही इस पद्धति से जलस्तर बढ़ने पर शहरी-बाढ़ पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।

महावीर स्वामी कहते हैं- ‘ पृथ्वी, जल, वायु जीव रूप हैं . अत: उनके प्रति भी आत्मवत रहो.’ (जैनागम) इस ईश्वरीय वाणी को चरितार्थ करने के लिए जरूरी ये है कि समस्त प्रकार के उपायों को हम उपयोग में लाएं ।

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Rajesh Pathak
Rajesh Pathak
Writing articles for the last 25 years. Hitvada, Free Press Journal, Organiser, Hans India, Central Chronicle, Uday India, Swadesh, Navbharat and now HinduPost are the news outlets where my articles have been published.

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