उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर में आज बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के तथाकथित आपत्तिजनक वक्तव्य के विरोध में बाजार बंद कराने को लेकर हिन्दू और मुस्लिमों के बीच जमकर बवाल हुआ। इस दौरान मार पीट, पथराव, बमबारी, और गोलीबारी होने की सूचना मिली है। नगर में इन घटनाओं के कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं तो कई लोगों के भी घायल होने के समाचार हैं।
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार स्थिति अब नियंत्रण में है और दोषियों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है । कानपुर की डीएम नेहा शर्मा के अनुसार यह एक कानून व्यवस्था का विषय है, और इस घटना के समय उनके साथ पुलिस कमिश्नर और ज्वाइंट कमिश्नर भी मौके पर उपस्थित थे।
गंभीर रूप से घायल हुए लोगो को तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया है, वहीं प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और आगे हिंसा की पुनरावृति रोकने के लिए पुलिस और अन्य सम्बंधित दलों को कड़े निर्देश भी दिए गए हैं, वहीं दोषियों की धरपकड़ भी चल रही है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा प्रवक्ता की गिरफ्तारी की मांग की
कानपुर में हुई घटना के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए पुलिस और खुफिया तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है। उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील है।
अंतत: कानपुर दहला क्यों?
कानपुर दहला क्यों, या फिर कानपुर को जलाने का प्रयास क्यों हुआ? जब इसकी तह में जाते हैं तो कहा जा रहा है कि पिछले ही दिनों भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कथित रूप से इस्लाम के पैगम्बर की आलोचना की है। यद्यपि हमने यह देखा है कि एक तो वीडियो को एडिट किया गया था और साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि नुपुर शर्मा ने जो भी बोला है, वह सब इस्लाम की किताबों में लिखा हुआ है और जिसे जाकिर नाइक जैसे लोग बोल भी चुके हैं।
हालांकि, लोगो को इस वक्तव्य के विरुद्ध गलत तरीके से भड़काया गया और इस कारण मुस्लिमों में इसे लेकर गुस्सा भड़काया गया। मुस्लिम पक्ष ने जुमे की नमाज के बाद बाजार में दुकानें बंद करने का निर्णय किया था और इलाके में पोस्टर लगाकर दुकानें बंद करने की अपील भी की जा रही थी। जानकारी के अनुसार एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय मुस्लिम नेता जबरन दुकानें बंद करवाने को निकले, जबकि हिन्दू अपनी दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं थे।
बस यही इस विवाद का कारण बना, और जुमे की नमाज के बाद यतीमखाना स्थित सद्भावना चौकी के पास दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। तत्काल पुलिस ने कार्यवाही की और पत्थरबाजों की भीड़ को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। हालांकि इसके बाद परिस्थिति और तनावपूर्ण हो गयी, क्योंकि मुस्लिम पक्ष के लोग तंग गलियों में छुपकर पत्थरबाजी करने लगे। यह पत्थरबाजी कई घंटे तक रुक-रुककर होती रही, और इससे कई लोग घायल हुए और वाहनों का नुक्सान भी हुआ।
कानपुर में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के समय हुई घटना
यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब घटना हुई तब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कानपुर के दौरे पर थे। नगर में पुलिस और प्रशासन पहले से ही अत्यंत सतर्क था, इस बीच यह घटना होने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रशासन को कड़े कदम उठाने की आज्ञा दे दी है। उपद्रव के पश्चात अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं वीडियो के आधार पर अन्य लोगो को भी जल्दी पकड़ने के लिए पुलिस दबिश दे रही है, साथ ही इस उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को भी जल्दी पकड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस दल के रूप में 12 कंपनी और एक प्लाटून पीएसी की भेजी है। उपद्रव के आरोपियों पर राज्य सरकार ने गैंगस्टर लगाने और उनके अवैध निर्माण को बुलडोजर चला कर ध्वस्त करने का निर्णय ले लिया है। सबूतों के आधार पर सार्वजनिक सम्पत्तियों पर तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
अब तक कुल 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है
शायद नहीं! और यह पत्थर सत्ता को चुनौती भी थे क्योंकि कल राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक कानपुर में थे! यह इस्लामी कट्टरपंथ की चुनौती थी कि हमें अपनी बात पर पत्थर चलाने ही हैं! देखना होगा कि क़ानून और व्यवस्था को लेकर अपनी कड़ाई के लिए प्रख्यात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस चुनौती से कैसे पार पाते हैं?