“मी लॉर्ड! माना वह फुटबॉल अच्छा खेलता था, रोज नमाज पढ़ता है… पर रेप के बाद 6 साल की बच्ची की हत्या भी तो उसने ही की: ‘अल्लाह के बंदे’ पर ये दरियादिली न्याय पर आघात तो नहीं?”, ऑपइंडिया, जून 28, 2024
“आपके आसपास बहुत सारे छोटे बच्चे होंगे। उनमें से शायद कोई 4-5 साल की बच्ची भी हो। इस बच्ची को गौर से देखिएगा। उसकी मासूमियत देखिएगा। उसकी बातें सुनिएगा। उसकी तुतलाती आवाज में उसे बड़े होकर क्या बनना है, क्या करना है सब सुनिएगा। फिर ओडिशा का एक मामला सोचिएगा। एक ऐसा मामला जो आपको भीतर तक झकझोर दे और आप समझ पाएँ कि इस बच्ची के सपने पूरे होने के लिए कितना जरूरी है कि उसे आसिफ अली जैसों से बचाकर रख जाए।
बात साल 2014 की है। दोपहर के 2 बजे एक 6 साल की छोटी बच्ची अपने एक कजन के साथ पास की चॉकलेट की दुकान पर चॉकलेट लेने गई। घरवालों को लगा दुकान पास है तो दोनों बच्चे जल्दी आ जाएँगे, लेकिन देखते ही देखते घड़ी में 3 बजने लगे। परिवार के लोग चिंतित हो गए। उन्होंने बच्ची को ढूँढना शुरू किया। आसपास लोगों को पता चला तो वो भी निकले। इसी छानबीन में ग्रामीणों को बच्ची का शव अचेत अवस्था में मिला। साथ ही उसके नाभि पर नोचने के निशान थे, पीठ पर नाखून लगे थे और जांघ से लेकर घुटनों तक खून बह रहा था। परिजनों ने उसे देखा तो दौड़कर अस्पताल लेकर गए। डॉक्टरों ने उसकी हालत देखी तो फौरन उसे एससीबी मेडिकल कॉलेज भेजा। परिजन इस उम्मीद में थे कि वहाँ के डॉक्टर बच्ची को देखेंगे तो शायद उनकी बेटी आँख खोल लेगी। लेकिन हुआ ऐसा कुछ नहीं।
डॉक्टरों ने उसे देखा और मृत घोषित कर दिया। परिवार डॉक्टरों की बात सुन सन्न था। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि घर से चॉकलेट लेने निकली बिटिया के साथ आखिर ये क्या हो गया। तब तक डॉक्टर ने उन्हें बताया कि किसी ने उनकी बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसका गला दबाकर उसे मार डाला है। परिवार रोता-रोता बेटी का शव लेकर गाँव आ गया। मामले में शिकायत दी गई। पुलिस भी सक्रिय हुई….”
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