“13 जुलाई को चाहिए सरकारी छुट्टी, क्योंकि ‘काफिर राजा’ के खिलाफ हुआ था ‘इस्लामी जिहाद’: जिस आग से मोदी सरकार ने कश्मीर को निकाला, उसे फिर से भड़काना चाहते हैं कट्टरपंथी”, ऑपइंडिया, मार्च 06, 2025
“जम्मू कश्मीर में महाराजा हरि सिंह के विरुद्ध इस्लामी जिहाद करने वालों को शहीद बताने का दौर फिर से चालू हो रहा है। हरि सिंह को काफिर मान कर जिहाद करते हुए मारे जाने वालों के नाम पर छुट्टी घोषित किए जाने की माँग चल रही है। यह छुट्टी भारत सरकार ने 2019 में खत्म कर दी थी। भाजपा ने इन इस्लामी जिहादियों को शहीद बताए जाने का विरोध किया है।
यह पूरा मामला जम्मू-कश्मीर विधानसभा के बजट सत्र में चालू हुआ। बुधवार (5 मार्च, 2025) को जम्मू कश्मीर विधानसभा में PDP के विधायक वहीद-उर-रहमान पारा ने माँग की कि 13 जुलाई का अवकाश दोबारा चालू किया जाए। उन्होंने इसे ‘शहीदी दिवस’ का दर्जा दिए जाने की माँग की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने इसका जोरदार प्रतिरोध किया। उन्होंने कहा, “वे शहीद नहीं बल्कि देशद्रोही थे।” सुनील शर्मा ने स्पष्ट कर दिया कि महाराजा हरि सिंह के विरुद्ध विद्रोह करने वाले को क्रांतिकारी नहीं बल्कि कट्टरपंथियों की भीड़ थी….”
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