“हिंदुओं की जमीन पर मजार जिहाद”, पाञ्चजन्य, जून 04, 2025
“उत्तराखंड में 540 अवैध मजारों को ध्वस्त किया जा चुका है। देवभूमि में 300 से अधिक अन्य अवैध मजारें हैं जिन पर अभी कार्रवाई करनी बाकी है। सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बनाई गई मजारें ध्वस्त की जा रही हैं। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें निजी जमीन पर मजार बना दी गई है। अवैध मजार पर बैठने वाले खादिम उत्तराखंड के हिन्दुओं को मनगढ़ंत कहानी सुनाकर उन्हें अपने झांसे में ले लेते हैं। इनमें ज्यादातर वंचित समाज के हिंदू और जनजाति समुदाय के लोग होते हैं।
पिछले दिनों पछुवा, देहरादून में ऐसे दो उदाहरण सामने आए जहां अवैध मजार और निजी भूमि पर बनी मजार ध्वस्त की गई थी। दोनों ही मजार वंचित समाज के लोगों की भूमि पर बनी हुई थीं। जब उनसे इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमने मन्नत मांगकर ये मजार बनवाई हैं। उन्होंने बताया कि वे किसी परेशानी के चलते एक मजार पर गए थे, तब वहां बैठे खादिम ने उन्हें कई कहानियां सुनाईं और कहा कि ‘आप की इच्छा पूरी हो जाए तब मजार पर चादर चढ़ाना और अपने जमीन पर बाबा का एक मजार बनवा देना। आपको इतना दूर भी आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए उन्होंने ऐसा किया। खादिम ने यहां आकर खुद मजार बनवाई और चादर चढ़वाई। अब हम ही यहां दीया बाती करते हैं।’
खादिम हर महीने आता है और जो पैसा यहां जमा होता है, उसे निकालकर ले जाता है। इस सूचना के बाद से पुलिस प्रशासन ने ऐसे खादिमों की तलाश शुरू की तो वे अपने ठिकानों पर नहीं मिले। पुलिस और वन विभाग इन खादिमों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है…….”
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