spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
20 C
Sringeri
Tuesday, June 24, 2025

तालिबान ने पहले लड़कियों के लिए स्कूल खोले, और फिर यूनिफार्म के बहाने अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए

तालिबान आपना उदारवादी चेहरा दिखाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में उनका अगला कदम था लड़कियों के लिए स्कूल खोलने का। दुनिया भर के देशों के सामने यह साबित करने के लिए कि वह एक नया तालिबान है, वह एक उदार तालिबान है और वह एक सुधरा हुआ तालिबान है, यह घोषणा कर दी गयी कि लड़कियों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं।

परन्तु जब लडकियां स्कूल पहुँची तो यह घोषणा की गयी कि लड़कियों को अभी स्कूल नहीं आना है। कुछ दिनों पहले यह घोषणा हुई थी कि अब लड़कियों के लिए भी स्कूल खोल दिए जाएंगे तो लडकियां बहुत उत्साह के साथ स्कूल पहुँची थीं। परन्तु उनकी यह खुशी क्षण भंगुर साबित हुई, और जल्दी ही तालिबान ने यह घोषणा कर दी कि सभी गर्ल्स हाई स्कूल और वह सभी स्कूल जिनमें कक्षा छह से ऊपर की छात्राएं हैं, वह अगले आदेश तक बंद रहेंगे।

जैसे ही यह आदेश आया, वैसे ही लडकियां फूट फूट कर रोने लगीं। इस तालिबान के इस यूटर्न ने सभी को हैरान कर दिया। मानवाधिकार संस्थाएं और अधिकारों के लिए काम करने वाले समूह भी इस निर्णय से हैरान रह गए और वह भी इस समय जब तालिबान पूरे विश्व से प्रमाणिकता के लिए प्रयास कर रहा है।

रायटर्स को एक छात्रा ने, जिसका नाम नहीं बताया गया है, बताया कि “जब हमें प्रिंसिपल ने यह बताया तो हम एकदम निराश हो गए थे। और हमारी प्रिंसिपल भी रो रही थीं!”

बीबीसी के अनुसार नोटिस में यह कहा गया है कि लड़कियों के लिए यूनिफार्म अभी तक निर्धारित नहीं की गयी हैं, इसलिए जब शरीयत क़ानून और अफगानी परम्परा के अनुसार यूनिफार्म तय कर ली जाएगी, तो स्कूल खुल जाएंगे। परन्तु इस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने लड़कियों की स्कूल यूनिफार्म साझा करते हुए प्रश्न किया कि यह यूनिफार्म इतने वर्षों से लड़कियों के लिए चल रही हैं। तो इसमें क्या ऐसा है जो गैर-इस्लामिक है।

परन्तु इन सब शोर शराबे के बीच एक प्रश्न यह उठता है कि यदि तालिबान ने लड़कियों के लिए स्कूल खोल दिए तो क्या उसने जो अब तक कुकृत्य किए हैं, वह सभी क्षम्य हो जाएंगे? या फिर क्या तालिबान स्वीकार्य हो जाएंगे? क्या जो उन्होंने मानवता के साथ अपराध किए हैं, वह सभी धुल जाएंगे?

यह सभी प्रश्न सुशांत सरीन ने भी किये:

यह बहुत ही सामान्य प्रश्न है कि क्या यदि तालिबान लड़कियों के लिए स्कूल खोल देते हैं, तो क्या उनके द्वारा की गयी सभी संस्थागत हत्याएं मान्य हो जाएँगी? उनके हाथों पर जो खून लगा है वह धुल जाएगा? यह एक प्रश्न है जिसके उत्तर पूरे विश्व को खोजने हैं! क्योंकि तालिबान के खिलाफ भी कुछ बोलना कहीं इस्लामोफोबिया की श्रेणी में न आ जाए? यह भी एक चिंता है!

एक यूजर ने लिखा कि

यूक्रेन युद्ध के कारण तालिबान सुर्खियों में नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके आंतरिक संघर्ष बदसूरत हो रहे हैं, और शायद ही रिपोर्ट किया जा रहा है।

‘उदारवादी’ तालिबान के एक समूह ने अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल को फिर से खोलने की घोषणा की।

कुछ ही घंटों में, अन्य समूह स्कूलों वाले मामले में कूदे और स्कूल बंद कर दिए।

मुहम्मद जावेद नामक यूजर ने लिखा कि वजीरिस्तान और पूरे एफएटीए में लड़कियों की शिक्षा अपराध है क्योंकि ट्राइबल संस्थाएं तालिबान से पीड़ित हैं। अच्छा और बुरा तालिबान पाकिस्तान के दिमाग की उपज है। तालिबान ने लड़कियों के स्कूल को नष्ट कर दिया और वह उन्हें मार रहे हैं, जो लड़कियों की शिक्षा का इकोसिस्टम बनाते हैं।

पंजशीर रेजिस्टेंस फ्रंट ने भी कहा कि अफगानिस्तान में इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है। आज अफगानिस्तान में लड़कियों को केवल लड़की होने के कारण स्कूल से बाहर आना पड़ा। तालिबान ने कहा कि “अधिकतर स्कूल यूनिफार्म इस्लामिक नहीं हैं!”  अधिकतर लडकियां अपने स्कूल के बंद दरवाजों के पीछे रो रही थीं।

इस हरकत की हर ओर निंदा हो रही है। रोती हुई लड़कियों के वीडियो हर ओर छाए हुए हैं।

बीबीसी से बात करते हुए महिला अधिकार कार्यकर्ता और अफगान वीमेन’स नेटवर्क की संस्थापक महोबा सिराज ने कहा कि “उन्होंने बहाना ये बनाया कि आपने ठीक से हिजाब नहीं पहना है। ऐसा कोई नियम नहीं है। उन्होंने आज सुबह फैसला किया हिजाब ठीक से नहीं पहना जा रहा है। पता नहीं उन्होंने यह फैसला कैसे कर लिया।”

कहीं न कहीं ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि जैसे तालिबान वास्तव में ही दो फाड़ हो गया है, जिसमें एक वर्ग आधुनिक अफगानी समाज के साथ चलना चाह रहा है तो वहीं कट्टरपंथी समूह वही कट्टरता बनाए रखना चाहता है। जो भी हो, चाहे तालिबान कुछ भी करे या कहे, इस बात का तो उत्तर खोजना ही होगा कि क्या कुछ ऐसे क़दमों से उसके पुराने पाप धुल जाएंगे?

क्या लड़कियों के लिए स्कूल खोल देने से उन सभी लड़कियों का खून धुल जाएगा जो उन्होंने बहाया है?

Subscribe to our channels on WhatsAppTelegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.