“श्रीकल्कि अवतार की घोषणा पर हिंदू जागृति मंच का कड़ा विरोध, कहा, धार्मिक मान्यताओं से…”, हिंदुस्तान, दिसम्बर 06, 2025
“शहर के तिरंगा मार्केट में हिंदू जागृति मंच ने प्रेस वार्ता कर जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा ऐंचौड़ा कंबोह स्थित श्रीकल्कि धाम में की गई कल्कि अवतार की शास्त्रीय उद्घोषणा पर तीखी आपत्ति जताई है। रामभद्राचार्य ने कल्कि अवतार का समय वैसाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी, दोपहर 12 बजे बताया था, जिसे मंच ने धार्मिक भ्रम फैलाने वाला बताया। प्रेस वार्ता में मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने कहा कि कुछ संत और कथावाचक धार्मिक मान्यताओं को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं, जिससे समाज में अनावश्यक भ्रम पैदा हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान श्रीकल्कि के जन्मस्थल और जयंती की तिथि पर इस तरह के विवादित बयान आम लोगों को गुमराह करते हैं।
अजय शर्मा ने भविष्य पुराण, कल्कि पुराण और श्रीमद्भागवत सहित कई धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि समस्त ग्रंथों में कलयुग के अंतिम चरण में संभल को ही भगवान श्रीकल्कि अवतार की भूमि बताया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक ग्रंथों और परंपरा के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष की षष्ठी को ही भगवान श्रीकल्कि के अवतरण की तिथि माना गया है। संभल में कल्कि जयंती भी इसी तिथि को वर्षों से मनाई जाती है। आचार्य प्रमोद कृष्णम् सहित देश के कई विद्वान इसी परंपरा का पालन करते आए हैं। अजय शर्मा ने आगे बताया कि आध्यात्मिक और बौद्धिक जगत के अनेक विद्वानों ने संभल को कल्कि अवतार स्थली के रूप में स्वीकार किया है। श्रीकल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् द्वारा संभल के विष्णुयश शर्मा परिवार को अवतार स्थली के रूप में मान्यता दी जा चुकी है और यह संदेश वर्षों से जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है। मंच अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं को अचानक खारिज करना या भ्रम फैलाना समाज के साथ छल है…..”
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