“5 स्वयंसेवकों से हुई थी शुरुआत, आज बना देश का सबसे बड़ा संगठन; जानें RSS का रोमांचक इतिहास”, सुदर्शन न्यूज़, सितम्बर 30, 2025
“आज देशभर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक ऐसा नाम है, जो समाज, संस्कृति, राष्ट्रवाद और सेवा जैसे मूल्यों से जुड़ा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस संघ के आज लाखों स्वयंसेवक देशभर में सक्रिय हैं, उसकी शुरुआत सिर्फ 5 लोगों से हुई थी? आइए जानते हैं संघ की स्थापना, विकास और सरसंघचालकों की उस रोमांचक यात्रा के बारे में, जिसने इसे दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठनों में शुमार कर दिया।
संघ की स्थापना: एक विचार, जिसने जन्म दिया आंदोलन को
RSS की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 (विजयादशमी) के दिन नागपुर में की थी। उद्देश्य था – भारत के युवाओं को संगठित करना, उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करना और एक ऐसे अनुशासित संगठन का निर्माण करना, जो बिना किसी राजनीतिक लालच के राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित हो। संघ की पहली शाखा नागपुर में लगी, जिसमें केवल 5 स्वयंसेवक उपस्थित थे। परंतु हेडगेवार जी का विचार इतना मजबूत था कि यह जल्द ही एक आंदोलन बन गया।
“शाखा” बनी संगठन की आत्मा
RSS का मूल आधार इसकी “शाखाएं” हैं। शाखा वह स्थान है जहां स्वयंसेवक खेल, योग, बौद्धिक चर्चा और अनुशासन के माध्यम से राष्ट्रीय चरित्र निर्माण करते हैं। आज देशभर में 60,000 से अधिक दैनिक शाखाएं लगती हैं। यही शाखाएं संघ की रीढ़ मानी जाती हैं…….”
पूरा लेख सुदर्शन न्यूज़ पर पढ़ें