“बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म के सच को नहीं झुठला सकते मुहम्मद यूनुस, मानवाधिकार संगठन ने दिखाया आईना”, न्यूज़ 18, अक्टूबर 01, 2025
“बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने एक इंटरव्यू में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरों को निराधार बताया. मानवाधिकार संगठन ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद’ ने उनकी टिप्पणी पर गहरा दुख और गुस्सा व्यक्त करते हुए इसे ‘सच को नकारने’ जैसा करार दिया. यूनुस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ग्लोबल थिंकर्स ऑर्गनाइजेशन (जीटीओ) को दिए एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी की. उन्होंने हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया. उनकी इस टिप्पणी पर मानवाधिकार संगठन ने सख्त प्रतिक्रिया दी. एक बयान जारी किया गया.
बयान में कहा गया, “मुख्य सलाहकार की टिप्पणी के जवाब में प्रेस को जारी एक विरोध पत्र में, यूनिटी काउंसिल की केंद्रीय समिति ने कहा कि 13 अगस्त, 2024 को यमुना में धार्मिक और अल्पसंख्यक नेताओं से बातचीत की गई और यहां विचारों का आदान-प्रदान हुआ. इस दौरान, उन्होंने अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही संगठित हिंसा की एक तस्वीर पेश की थी और इसे तुरंत रोकने की पुरजोर मांग की थी.”
इसमें आगे कहा गया है, “इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र फैक्ट-फाइंडिंग मिशन की 12 फरवरी, 2025 की रिपोर्ट में हिंदू समुदाय सहित अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है, जो 5 अगस्त, 2024 से शुरू हुईं और अब भी जारी हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में अब भी छिटपुट हिंसक वारदातें जारी हैं……”
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