“बांग्लादेश में हिंदू परिवार को जिंदा जलाने की कोशिश, मगर यूनुस सरकार की थेथरई, बताया-‘छिटपुट मामला’”, न्यूज़ 18, दिसंबर 28, 2025
“बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन वहां की अंतरिम सरकार हकीकत स्वीकार करने के बजाय अजीबोगरीब दलीलें दे रही है. ताजा मामला पीरोजपुर का है, जहां कट्टरपंथियों ने एक हिंदू परिवार को घर में बंद कर आग लगा दी, ताकि उन्हें जिंदा जलाया जा सके. जब भारत ने इन हमलों पर चिंता जताई, तो बांग्लादेश सरकार ने अपनी नाकामी मानने के बजाय उल्टा भारत को ही नसीहत दे डाली. बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत की चिंताओं को ‘तथ्यहीन’ करार दिया है. उनका कहना है कि हिंदुओं पर हमले सुनियोजित नहीं, बल्कि महज ‘छिटपुट आपराधिक घटनाएं’ हैं.
1. पीरोजपुर में ‘काली सुबह’: हिंदू परिवार को जिंदा जलाने की कोशिश
बांग्लादेश के पीरोजपुर जिले में दहशत का माहौल है. 27 दिसंबर की सुबह डुमुरिया गांव में कट्टरपंथियों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के मुताबिक, उपद्रवियों ने पलाश कांति साहा के घर को घेर लिया और बाहर से ताला लगा दिया. इसके बाद उन्होंने घर में आग लगा दी, जिसका मकसद पूरे परिवार को जिंदा जलाना था. गनीमत रही कि किसी तरह उनकी जान बच गई. इससे ठीक एक दिन पहले, पास के ही पश्चिम डुमुरियातला गांव में भी दो हिंदू परिवारों के पांच घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. ये घटनाएं बताती हैं कि वहां हिंदू समुदाय कितना असुरक्षित है.
2. बांग्लादेश की ‘थेथरई’: हमलों को बताया ‘अलग-थलग घटनाएं’
भारत द्वारा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जताई गई चिंता पर बांग्लादेश सरकार ने बेहद रक्षात्मक प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर दावा किया है कि वहां सांप्रदायिक सौहार्द की लंबी परंपरा है. सरकार ने कहा कि अलग-थलग आपराधिक घटनाओं को जानबूझकर हिंदू समुदाय के “सिस्टमेटिक उत्पीड़न” (सुनियोजित दमन) के रूप में पेश किया जा रहा है. ढाका का आरोप है कि कुछ विशेष वर्ग तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं ताकि भारत में लोगों को बांग्लादेश, उसके राजनयिक मिशनों और संस्थानों के खिलाफ भड़काया जा सके…….”
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