“मुज़फ्फरनगर में धर्म स्वातंत्र्य कानून के समर्थन में संत समाज, कहा – प्रलोभन और दबाव में न हो धर्म परिवर्तन”, रॉयल बुलेटिन, अक्टूबर 04, 2025
“मुज़फ्फरनगर में सट्टा कुटी आनंद आश्रम के संत समाज ने धर्म स्वातंत्र्य कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून देश के गरीब, दलित और आदिवासी वर्ग को प्रलोभन और दबाव में किए जा रहे जबरन धर्म परिवर्तन से सुरक्षा प्रदान करेगा। संतों ने इस कानून को देशहित में आवश्यक बताते हुए इसे देशभर में लागू करने की मांग की है।
मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में संत समाज ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि इस कानून की जमीनी हकीकत को समझकर इसे पूरे देश में प्रभावी किया जाए। संतों का कहना है कि इस कानून के बनने से धर्म परिवर्तन के नाम पर चल रही “दुकानों” पर रोक लगेगी।
संत आसाराम बापू के शिष्य कन्हैया ब्रह्मचारी ने कहा कि“भारत सरकार द्वारा लाया गया धर्म स्वातंत्र्य कानून आज के समय में बहुत ज़रूरी है। देश के कई हिस्सों में — जैसे पंजाब, कर्नाटक, असम और मणिपुर में — हमारे गरीब, दलित और आदिवासी भाइयों का जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। कुछ लोग इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर गुमराह कर रहे हैं, जबकि यह कानून हमारे सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक मजबूत कदम ह…….”
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