spot_img

HinduPost is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma

Will you help us hit our goal?

spot_img
Hindu Post is the voice of Hindus. Support us. Protect Dharma
19.6 C
Sringeri
Wednesday, November 5, 2025

‘भारत को हिंदू राष्ट्र…’ रामभद्राचार्य के बयान पर आखिर आ ही गया संतों का बयान, एक ने तो नरसंहार से जोड़ा मामला

“ ‘भारत को हिंदू राष्ट्र…’ रामभद्राचार्य के बयान पर आखिर आ ही गया संतों का बयान, एक ने तो नरसंहार से जोड़ा मामला”, न्यूज़ 18, नवंबर 03, 2025

“भारत में आए दिन हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील होती रहती है और इसे लेकर कई जगह प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं. अब इस मामले पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के दिए गए बयान पर सीताराम दास महाराज और परमहंस आचार्य ने समर्थन जताया है. दोनों संतों ने देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कुछ कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में देश में हिंदुओं की सुरक्षा संदिग्ध हो सकती है. साथ ही उन्होंने सभी भारतीयों से इस मामले पर एकजुट होने की अपील भी की है. आइए जानते हैं रामभद्राचार्य के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील पर संतों ने क्या क्या कहा…

सीताराम दास महाराज

सीताराम दास महाराज ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान को सही बताते हुए कहा कि जब तक जगद्गुरु रामभद्राचार्य जैसे संत हैं, सनातनियों द्वारा हिंदुओं को कोई क्षति नहीं पहुंचने दी जाएगी. जब तक ऐसे संत हैं, हमारा राष्ट्र सुरक्षित है. कई हिंदू महापुरुष भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए प्रयासरत हैं और यह तब तक संभव नहीं होगा, जब तक संसद में हमारी संख्या 470 सीटों तक नहीं पहुंचती. उन्होंने आगे कहा कि महाराज ने जनता से अपील की कि आने वाले दिनों में इस संख्या को पूरा करने की दिशा में काम करें ताकि भारत हिंदू राष्ट्र बन सके. उन्होंने हमारी संस्कृति पर हो रहे हमलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और बच्चों को संस्कृत भाषा व संस्कारों से जोड़ने की आवश्यकता बताई ताकि वे राष्ट्र के प्रति समर्पित रहें.

जगद्गुरु परमहंस आचार्य

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने भी जगद्गुरु रामभद्राचार्य के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को भी उनके सुझावों पर विचार करना चाहिए और देश की बहुसंख्यक जनता को भी इस पर आत्म चिंतन करना चाहिए. परमहंस आचार्य ने विभाजन के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों की मांगों के कारण विभाजन हुआ था और उस दौर में हिन्दुओं का बड़ा नरसंहार हुआ. विभाजन के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश बने और वहां के हिंदुओं को राष्ट्रीय पहचान व सुरक्षा नहीं मिली. आचार्य ने 1990 के दशक में कश्मीर में हुई घटनाओं का भी जिक्र करते हुए कहा कि वहां हिंदुओं के साथ बुरा व्यवहार हुआ और कई तरह के अत्याचार दिखाई दिए……”

पूरा लेख न्यूज़ 18 पर पढ़ें

Subscribe to our channels on WhatsAppTelegram &  YouTube. Follow us on Twitter and Facebook

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

Sign up to receive HinduPost content in your inbox
Select list(s):

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Thanks for Visiting Hindupost

Dear valued reader,
HinduPost.in has been your reliable source for news and perspectives vital to the Hindu community. We strive to amplify diverse voices and broaden understanding, but we can't do it alone. Keeping our platform free and high-quality requires resources. As a non-profit, we rely on reader contributions. Please consider donating to HinduPost.in. Any amount you give can make a real difference. It's simple - click on this button:
By supporting us, you invest in a platform dedicated to truth, understanding, and the voices of the Hindu community. Thank you for standing with us.