“लिव-इन रिलेशनशिप पर RSS प्रमुख मोहन भागवत जी का सख्त बयान, कहा- ये लोग जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं”, सुदर्शन न्यूज़, दिसंबर 22, 2025
“पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने भारतीय समाज में परिवार व्यवस्था की भूमिका और उसकी प्रासंगिकता पर विस्तार से अपने विचार रखे। उन्होंने बदलते सामाजिक व्यवहार, विशेषकर लिव-इन रिलेशनशिप, जनसंख्या प्रबंधन और पारिवारिक मूल्यों को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
लिव-इन रिलेशनशिप पर संघ प्रमुख की टिप्पणी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत जी ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में जिम्मेदारी का अभाव दिखाई देता है। उनके अनुसार यह व्यवस्था स्थायित्व और उत्तरदायित्व की भावना को कमजोर करती है। उन्होंने कहा कि विवाह और परिवार केवल शारीरिक संतुष्टि का माध्यम नहीं हैं, बल्कि समाज की बुनियादी इकाई हैं। परिवार ही वह स्थान है जहाँ व्यक्ति सामाजिक जीवन के संस्कार, मूल्य और आचरण सीखता है।
परिवार: संस्कृति, समाज और अर्थव्यवस्था की आधारशिला
संघ प्रमुख जी ने परिवार को संस्कृति और अर्थव्यवस्था का संगम बताया। उन्होंने कहा कि देश की बचत, संपत्ति और आर्थिक गतिविधियों का बड़ा हिस्सा परिवारों से जुड़ा होता है। सोना, पूंजी और संसाधन परिवारों में ही सुरक्षित रहते हैं। उनके अनुसार परिवार सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक तीनों दृष्टियों से समाज की मूल इकाई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संन्यास का मार्ग चुनना व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है, लेकिन बिना विवाह के परिवार व्यवस्था को बनाए रखना संभव नहीं है…..”
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