“जान बचाने को हिंदू ने रखा मुस्लिम नाम, भारतीय पहचान छिपाकर पहुँचे एयरपोर्ट: बांग्लादेश में इस्लामी भीड़ की हिंसा से बच भारत लौटे संगीतकारों ने सुनाई आपबीती”, ऑपइंडिया, दिसम्बर 24, 2025
“बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार अब चरम पर है। हाल ही में हिंदू युवक दीपू दास की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अब चटगांव जिले में दो हिंदू परिवारों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में उग्रवादी आंतकियों की तरह धर्म पूछ-पूछ हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं।
वहीं कई हिंदू परिवार बांग्लादेश में माहौल के डर से जान बचाकर किसी तरह भारत पहुँचे हैं। उन्होंने आपबीती सुनाते हुए बांग्लादेश में हिंसा के बीच अपने डर को जाहिर किया है। वह कहते हैं कि देश में जगह-जगह घूम रही इस्लामी भीड़ के चंगुल से निकलना काफी मुश्किल था।
तबला वादक मैनाक विश्वास 48 घंटे में पहुँचे भारत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहुँचने वालों में एक नाम तबला वादक मैनाक विश्वास ढाका का है। वो बांग्लादेश में एक कार्यक्रम में शामिल होने अपने साथियों के साथ गए थे।लेकिन बिगड़ते हालात के बीच वो किसी तरह जान बचाकर निकले। उन्होंने बताया कि वे 48 घंटे की मशक्कत के बाद बांग्लादेश से भारत वापस लौटे हैं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में हिंसक भीड़ के निशाने से बचने के लिए उन्हें हिंदू पहचान छिपानी पड़ी……”
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