“असम में ‘जिहादी साहित्य’ पर स्ट्राइक, बांग्लादेशी आतंकी संगठनों का डिजिटल कंटेंट भी बैन: जानें- कैसी किताबों के जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं इस्लामी कट्टरपंथी”, ऑपइंडिया, दिसंबर 05, 2025
“असम सरकार ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से बचाने के लिए एक बहुत बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB), अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT), अंसार-अल-इस्लाम/प्रो-AQIS और इनसे जुड़े सभी आतंकी संगठनों से संबंधित किसी भी तरह के कट्टरपंथी या ‘जिहादी’ साहित्य, दस्तावेज और डिजिटल सामग्री के प्रकाशन, छपाई, बिक्री, वितरण, प्रदर्शन, रखने और संग्रह करने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
यह प्रतिबंध केवल किताबों या पत्रिकाओं पर ही नहीं, बल्कि वेबसाइटों, सोशल मीडिया पेजों, एन्क्रिप्टेड चैनलों और ऑनलाइन ग्रुपों पर भी लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह सामग्री भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही थी।
राज्य सरकार ने यह प्रतिबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 98 के तहत लगाया है। असम पुलिस की खुफिया रिपोर्ट और हाल की जाँचों में यह साफ हुआ कि ये प्रतिबंधित संगठन अभी भी राज्य में अपनी प्रचार सामग्री फैला रहे थे, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द को बड़ा खतरा था……”
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