“हाथरस में 130 की मौत: ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उमस के कारण बेकाबू हुई भीड़, कथावाचक को निकालने के लिए लोगों को एक तरफ रोका था”, ऑपइंडिया, जुलाई 03, 2024
“उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ में लगभग 130 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। मृतकों में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। भगदड़ की वजह सत्संग करने वाले बाबा का काफिला निकलने के लिए एक तरफ की भीड़ को रोकना बताया जा रहा है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुःख जताया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव और DGP को तत्काल घटनास्थल पर पहुँच कर राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
‘दैनिक जागरण’ के मुताबिक, घटना हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र की है। मंगलवार (2 जुलाई, 2024) को यहाँ एटा रोड के गाँव फुलराई में एक बड़े सत्संग का आयोजन था। इस आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए थे। सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ अपने-अपने घरों की तरफ निकल पाई। इस दौरान कथावाचक भी बाहर निकलने लगे। उनको बाहर निकालने के लिए एक तरफ की भीड़ को रोक दिया गया। जिस तरफ रोक लगाई गई उधर पीछे से लोगों का दबाव आगे खड़े श्रद्धालुओं पर बढ़ना शुरू हो गया।
बताया जा रहा है कि थोड़ी देर बाद माहौल भगदड़ में बदल गया। हजारों लोगों की भीड़ को वहाँ मौजूद व्यवस्थापक और सुरक्षा तंत्र सँभाल नहीं पाया। भीड़ में शामिल लोगों ने एक दूसरे को कुचलना शुरू कर दिया। इस भगदड़ की वजह से कार्यक्रम स्थल पर घुटन और उमस का माहौल हो गया। खासकर महिलाएँ और बच्चे इस भगदड़ के सबसे पहले शिकार बने। हालात सँभालने के लिए प्रशासन भारी फ़ोर्स के साथ पहुँचा। हालाँकि तब तक लगभग 100 लोगों की जान जा चुकी थी। हालाँकि सरकारी तौर पर अभी 60 मौतों की पुष्टि हुई है…..”
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