“रोज सुरंग से भारत में घुसते हैं 10 रोहिंग्या मुस्लिम, भाषा-हुलिया बदलने की ट्रेनिंग दे 14 राज्यों में बसाए जा रहे: रिपोर्ट में बताया- त्रिपुरा से चल रहा गिरोह”, ऑपइंडिया, जून 17, 2024
“भारत घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है, खासकर के बांग्लादेश-म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या घुसपैठियों ने देश की नाक में दम कर रखा है। उन्हें हटाने के लिए जब भारत सरकार NRC जैसा कानून लेकर आती है तो विपक्षी दल इन इस्लामी घुसपैठियों के समर्थन में उठ खड़े होते हैं। एक अनुमान है कि भारत में 40,000 से अधिक रोहिंग्या घुसपैठिए बैठे हुए हैं। वहीं एक और अनुमान है कि प्रति महीने 200 से भी अधिक रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को भारत में घुसाया जा रहा है।
देश के एक दर्जन से भी अधिक राज्यों में इन रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को बसाया जा रहा है। एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह भी इसमें लगा हुआ है। NIA की टीम ने हाल ही में इसके मास्टरमाइंड जलील मियाँ को गिरफ्तार किया है। अधिकतर रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन प्रान्त से आते हैं। 1982 में ही वहाँ इन्हें नागरिकता से वंचित कर दिया गया था, 2015 के बाद इनमें से 9 लाख बांग्लादेश-भारत समेत कई देशों में भाग चुके हैं। 1 लाख का इनामी जलील मियाँ गिरोह के मुखिया जिबोन रूद्र पाल उर्फ़ सुमन का साथी है।
वो पहले ही NIA की शिकंजे में आ चुका था। वहीं इनके अन्य साथी जज मियाँ और शंतो अब तक फरार हैं। NIA इस गिरोह के 29 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। नवंबर 2023 में भी जलील मियाँ को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब वह फरार हो गया था। रोहिंग्या मुस्लिमों को 10-20 लाख रुपए (14-28 लाख बांग्लादेशी टका) के पैकेज के तहत भारत में फर्जी दस्तावेज देकर बसाया जा रहा है। केंद्र सरकार इन्हें अवैध अप्रवासी बता चुकी है, साथ ही इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तक घोषित कर चुकी है….”
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