“कर्नाटक से अयोध्या पहुंची 500 किलो सोने की रामलला की मूर्ति, जानें कैसे और कहाँ बनी यह भव्य प्रतिमा”, सुदर्शन न्यूज़, दिसंबर 24, 2025
“भगवान राम की नगरी अयोध्या में इस बार भक्तों के लिए एक अनूठा और ऐतिहासिक अवसर आया है। कर्नाटक से बनी लगभग 500 किलो वजनी सोने की रामलला की भव्य मूर्ति इस साल ही अयोध्या में अनावरण के लिए पहुंची। इस मूर्ति ने न केवल धार्मिक आस्था को जगाया है, बल्कि भारतीय कला, संस्कृति और पारंपरिक शिल्पकला के गौरवशाली रूप को भी सामने रखा है।
मूर्ति की विशेषताएँ
इस मूर्ति का निर्माण सोने, चांदी और हीरों-मोती के विशेष मिश्रण से किया गया है। इसकी भव्यता, चमक और सूक्ष्म नक्काशी इसे देश की सबसे मूल्यवान धार्मिक मूर्तियों में शामिल करती है। मूर्ति के चेहरे के भाव, वस्त्रों की शैली और गहनों की सजावट में अद्भुत कलात्मक कौशल देखने को मिलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मूर्ति भारतीय पारंपरिक शिल्पकला की उत्कृष्टता का परिचायक है।
कौन है कलाकार
कर्नाटक की प्रसिद्ध शिल्पकार जयश्री फणीश ने इस अद्वितीय मूर्ति को तैयार किया है। मूर्ति को माणिक, पन्ना, मूंगा, हीरे और मोती से सजाया गया है। यह तंजावुर पेंटिंग शैली में तैयार की गई है। आकार में मूर्ति बेहद भव्य है 10 फीट ऊँची, 6 फीट चौड़ी और 2.5 फीट गहरी। कुल वजन लगभग 500 किलो है। मूर्ति की सुरक्षा के लिए इसे विशेष रूप से तैयार किए गए शीशम के लकड़ी के फ्रेम में रखा गया है……”
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