“पहले चलाया बांग्लादेश में ‘मंदिरों की रक्षा कर रहे मुस्लिम’ नैरेटिव, अब कह रहा हिंदुओं पर हमलों को करें नजरअंदाज: इस्लामी कट्टरपंथियों की ढाल बना ‘The Caravan’ का पत्रकार”, ऑपइंडिया, दिसंबर 02, 2024
“सलिल के ट्वीट का मकसद यह दिखाना था कि मुस्लिम हिंदू मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह थी कि हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले हो रहे थे। इस तरह उन्होंने मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश की
वामपंथी प्रोपेगेंडा मैगजीन ‘द कारवाँ’ ही नहीं, बल्कि उसमें काम कर रहे लोग भी हिंदुओं के खिलाफ घृणा और हिंदुओं के दमन की खबरों को दबाने में लगे हैं। हाल ही में ‘द कारवाँ’ के कॉन्ट्रिब्यूटिंग एडिटर सलिल त्रिपाठी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर बात करने वालों को चुप कराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस मामले पर सिर्फ बांग्लादेशियों को ध्यान देना चाहिए और बाकी लोगों को इससे कोई मतलब नहीं रखना चाहिए।
ट्रंप प्रशासन और बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा में कूदे
हाल ही में जब जियोपॉलिटिकल एनालिस्ट जेफ एम. स्मिथ ने सुझाव दिया कि ट्रंप प्रशासन को बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर भारत की चिंताओं को समझना चाहिए, तो सलिल ने रविवार (1 दिसंबर 2024) को एक्स पर कहा, “बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वो बांग्लादेशियों का मामला है। दूसरों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए, जब तक उनका कोई एजेंडा न हो……”
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