“कट्टरपंथी मुस्लिमों का हिंदू त्योहारों पर ये कैसा भाईचारा ! भारत में नहीं तो कहां मनेगी दिवाली ?”, पाञ्चजन्य, अक्टूबर 30, 2024
“नवी मुंबई के तलोजा इलाके में पंचानंद रेसिडेंशियल सोसायटी में इस्लामवादियों के बहुत ही अपमानजनक भाषा एवं भद्दी गालियां देते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं।
भारत ही नहीं, पूरा विश्व दीपोत्सव में डूबा हुआ है, जहां हिन्दू हैं, वहां मां लक्ष्मी का स्वागत, श्रीरामजी का घर-घर आगमन और गणेश वंदना है लेकिन दूसरी ओर भारत में कुछ लोगों को यह अच्छे दिन रास नहीं आ रहे। हाल ही के दिनों में तीन घटनाएं बड़े स्तर पर सामने आई हैं। तीनों का संदेश कट्टरवाद में फंसी इस्लामिक सोच है, जो हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहार महालक्ष्मी पूजन (दीपावली) को उनके हिसाब से नहीं मनाने देना चाहती। कहीं-कहीं तो हिन्दुओं को सख्त हिदायत दी जा रही है कि वे बिल्कुल भी दीपोत्सव न मनाएं। ऐसे में अब बड़ा प्रश्न यह है कि भारत में दीपावली हिन्दू नहीं मनाएंगे तो कहां मनाएंगे? आज ये सभी घटनाएं सोचने पर विवश करती हैं कि हमने देश विभाजन भी स्वीकार किया और उसके बाद भी ये कैसा माहौल है? जो सामाजिक समरसता, पंथ निरपेक्षता के आधार पर देश भर में बन जाना चाहिए थी, वह स्वाधीनता के कई वर्षों बाद भी अब तक गायब है!
पहले बात करते हैं महाराष्ट्र के नवी मुंबई के तलोजा इलाके में पंचानंद रेसिडेंशियल सोसायटी की। यहां इस्लामवादियों के बहुत ही अपमानजनक भाषा एवं भद्दी गालियां देते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं। सोसायटी में कुछ हिंदू महिलाएं खुले स्थान पर दीए जला रही थीं, तभी कुछ मुस्लिम व्यक्ति आए और उन्हें धमकाने लगे। एक व्यक्ति महिलाओं से कह रहा है कि “सोसायटी में लाइट नहीं लगाई जाएंगी। मैं देखूँगा कि यहाँ लाइट न लगे।” इसके बाद सोसायटी के अन्य मुस्लिम निवासियों ने भी इस मामले को लेकर हंगामा किया और महिलाओं को गालियाँ दीं। जिससे यहां का पूरा माहौल ही तनावपूर्ण हो गया……”
पूरा लेख पाञ्चजन्य पर पढ़ें