“अडानी मामले पर कॉन्ग्रेस ने लगाए मोदी सरकार पर जो इल्जाम, वो सारे बेबुनियाद: पहले की तरह बार-बार परोस रहे झूठ, किए सिर्फ फर्जी दावे”, ऑपइंडिया, सितम्बर 21, 2025
“भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 18 सितंबर 2025 को उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी कंपनियों पर लगाए गए स्टॉक में हेरफेर के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। ये आरोप अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे। इस मामले में सेबी ने कहा कि लिस्टिंग समझौता या LODR (लिस्टिंग ऑबलिगेशन और डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट) का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जाँच के बाद कहा कि अडानी की संस्थाओं के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। इसलिए अडानी ग्रुप पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। सेबी ने गौतम अडानी, राजेश अडानी, अडानी पावर, अडानी पोर्टस के खिलाफ जाँच को भी बंद कर दिया।
सेबी ने इस बात को खारिज किया कि जानबुझ कर अडानी ग्रुप ने लेन देन को छुपाया था। हालाँकि ग्रुप ने कुछ कंपनियों जैसे माइलस्टोन और रेहवार के साथ पैसों का लेन-देन किया, लेकिन सभी मूलधन, ऋण और ब्याज चुकाए गए थे। इसके अलावा उस वक्त आरपीटी की एलओडीआर परिभाषा में ऐसे अप्रत्यक्ष लेनदेन शामिल नहीं थे। इसलिए इस नियम को पहले से लागू करना कानूनी रूप से सही नहीं होगा……”
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