“मंदिर तोड़ा, मजार को छोड़ा… भोपाल में प्राइवेट कंपनी की ये कैसी हिमाकत? हैरान कर देगा मामला”, न्यूज़ 18, अक्टूबर 26, 2025
“मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रेलवे की लॉन्ड्री निर्माण परियोजना के लिए सौ साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने पर बवाल खड़ा हो गया है. हिंदू संगठनों ने ठेकेदार समदड़िया ग्रुप और रेलवे प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि मंदिर को बिना किसी लिखित आदेश के गिराया गया, जबकि पास की मजार को नहीं छुआ गया. मौके पर एक दर्जन से अधिक हिंदू संगठन एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं. ठेकेदार कंपनी ने मौखिक आदेश पर कार्रवाई की बात स्वीकारते हुए मंदिर के पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया है. फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और पुलिस सतर्क है. विश्व हिंदू परिषद ने जीआरपी थाने में शिकायत की है.
हिंदू संगठनों ने ठेकेदार कंपनी समदड़िया ग्रुप और रेलवे प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि मंदिर को बिना लिखित आदेश के तोड़ा गया, जबकि ठीक सामने बनी मजारों को नहीं छुआ गया. रेलवे की इस परियोजना के लिए ठेका समदड़िया ग्रुप को दिया गया था. शनिवार को कंपनी के अधिकारी, रेलवे, GRP और पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मंदिर का अंश तोड़ दिया. जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया, तो बताया गया कि यह कार्रवाई रेलवे के आदेश पर की जा रही है. लेकिन बाद में कंपनी के साइट मैनेजर ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि मंदिर तोड़ने का कोई लिखित आदेश नहीं था, यह काम “मौखिक निर्देश” पर किया गया.
प्राचीन शिव मंदिर को तोड़ा, मजारों को छोड़ा
मंदिर के महंत रामभूषण दास ने आरोप लगाया कि मंदिर के ठीक आगे स्थित मजारों छोड़ा गया, जबकि शिव मंदिर को पूरी तरह गिरा दिया गया. उन्होंने कहा, “यह मंदिर करीब सौ साल पुराना था और इससे स्थानीय लोगों की आस्था जुड़ी थी. प्रशासन ने मजारों को छोड़कर मंदिर को तोड़ दिया, यह सीधी धार्मिक असमानता है.” हादसे के बाद इलाके में तनाव फैल गया. मौके पर एक दर्जन से ज्यादा हिंदू संगठन पहुंच गए और संयुक्त रूप से प्रदर्शन शुरू कर दिया. संगठनों ने दो टूक कहा है कि मंदिर का पुनर्निर्माण तत्काल शुरू किया जाए, नहीं तो आंदोलन उग्र रूप लेगा……”
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