“बांग्लादेश में भारत विरोधी रैली…कट्टरपंथी के निशाने पर हिंदू; प्रसिद्ध मंदिर पर प्रतिबंध लगाने की मांग”, नवभारत टाइम्स, अक्टूबर 26, 2025
“बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूहों ने देश के संसदीय चुनावों से पहले भारत विरोधी बयानबाजी और अल्पसंख्यकों पर हमले तेज कर दिए हैं। वे इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और इसे भारतीय एजेंट करार देने की मांग कर रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी, हिज्बुत तहरीर और हिफाजत-ए-इस्लाम से जुड़े छात्र संगठनों ने शुक्रवार को पूरे बांग्लादेश में भारत विरोधी रैलियां निकालीं और इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। चुनाव फरवरी 2026 में होने हैं, लेकिन अवामी लीग पर प्रतिबंध के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।
इस्कॉन मंदिर को कट्टरपंथी हिंदुत्व संगठन बताया गया
चटगांव में, हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश ने शुक्रवार की नमाज के बाद एक विरोध रैली आयोजित की, जिसमें इस्कॉन को एक “कट्टरपंथी हिंदुत्व संगठन” बताया गया। हिफाजत के केंद्रीय नायब-ए-अमीर मौलाना अली उस्मान की अध्यक्षता में आयोजित इस रैली में इस्कॉन पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया गया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।
इस्कॉन पर प्रतिबंध से देश में शांति आएगी
हिफाजत नेताओं ने घोषणा करते हुए कहा है कि जिस तरह अवामी लीग को उसके अपराधों के लिए प्रतिबंधित किया गया है और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर गलत कामों के लिए मुकदमा चलाया गया है, उसी तरह इस्कॉन को भी एक चरमपंथी संगठन होने के नाते कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाना ही देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का एकमात्र तरीका है……”
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Only a Hindu Rashtra can take on this villainous so called religion,but actually is a violent and intolerant cult.
Hindu Dharm gurus are keeping silence ,they are happy to have luxurious life style on the Hindu money,but run away as a darpok,to face the challenge of Islam.