“हिंदुओं पर अत्याचार के 1000+ मामलों के साथ UN में एक्टिविस्ट ने खोला बांग्लादेश सरकार का काला चिट्ठा: ऑपइंडिया से कहा- इस्लामी कट्टरपंथी कहर बनकर टूटे- उनके साथ यूनुस प्रशासन, भारत आखिरी उम्मीद”, ऑपइंडिया, दिसंबर 05, 2025
“5 अगस्त 2024 वह दिन था जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को बिना किसी औपचारिकता के सत्ता से हटा दिया गया। यही दिन हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और गरिमा के अंत का प्रतीक भी बन गया क्योंकि इस्लामी भीड़ ने हिंदुओं को चुन‑चुनकर मारने, लूटने और बलात्कार करने के लिए निशाना बनाना शुरू कर दिया। साथ ही उनके मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ा‑फोड़ा और अपवित्र किया गया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) द्वारा आयोजित ‘फोरम ऑन माइनॉरिटी इश्यूज’ के 18वें सत्र में बोलते हुए बांग्लादेशी हिंदू अधिकार कार्यकर्ता दिपन मित्रा ने इस्लामियों द्वारा बांग्लादेशी हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों की घटनाओं को उजागर किया।
28 नवंबर को आयोजित इस सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान, ब्यूरो ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस (BHRJ) के अध्यक्ष दिपन मित्रा ने कहा कि 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद से ही हिंदू, बौद्ध, ईसाई और आदिवासी अल्पसंख्यक समुदाय लगातार राज्य और समाजिक स्तरों पर भेदभाव का सामना करते रहे हैं…..”
पूरा लेख ऑपइंडिया पर पढ़ें
