“लव जिहाद नहीं डॉक्टर बनने के लिए धर्म परिवर्तन, उम्मीद से ज्यादा अल्पसंख्यक अभ्य़र्थियों के आने से चौंके अफसर”, हिन्दुस्तान, सितम्बर 14, 2024
“यूपी के मेरठ में डॉक्टर बनने के लिए अभ्यर्थियों ने धर्म परिवर्तन अधिनियम का उल्लंघन कर डाला। जरूरत से ज्यादा अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों के पहुंचने से अफसर भी चौंक गए।
यूपी के मेरठ में अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों ने राज्य के गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अधिनियम 2021 (यूपीपीयूसीआरए-2021) के प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने का मामला सामने आया है। यहां लोगों ने लव जिहाद के लिए नहीं बल्कि डॉक्टर बनने के लिए उम्मीदवारों ने धर्म परिवर्तन कर डाला। इसमें प्रयागराज, वाराणसी, बिजनौर, मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर (सभी उत्तर प्रदेश में), नई दिल्ली और महाराष्ट्र के उम्मीदवार शामिल थे। उम्मीद से ज्यादा अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों के पहुंचने से अफसर भी चौंक गए।
अधिकारियों ने बताया कि 17 उम्मीदवारों को अधिनियम में निर्धारित प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए एमबीबीएस सीट पाने के लिए धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र का उपयोग करते हुए पाए गए थे। नीट-यूजी-2024 काउंसलिंग के पहले दौर में प्रवेश पाने वालों में से कुछ की रैंक लगभग 12 लाख (1.2 मिलियन) थी, जो सामान्य पाठ्यक्रम में काउंसलिंग के पहले दौर में उन्हें एमबीबीएस सीट दिलाने के लिए बहुत कम रैंक थी। यह मामला तब सामने आया जब 22 उम्मीदवारों को एक मेडिकल कॉलेज में सीट आवंटित की गई और उनमें से 20 ने प्रवेश प्रक्रिया में भाग लिया। पिछले साल तक, यह मेडिकल कॉलेज पहले दौर में अधिकतम चार उम्मीदवारों को प्रवेश देता था…..”
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