“ ‘बिहारी’ के बाद अब ‘जाति’ वाली गाली सुनेंगे बिहार वाले: अगड़ा-पिछड़ा की राजनीति ने राज्य को बनाया नरक, जातिवाद बना रहा जिंदा लाश”, ऑपइंडिया, सितम्बर 01, 2024
“बिहार में हर तरफ हलचल है। शोर है। उथल-पुथल है। यह चुनाव की आहट है। बिहार में विधानसभा चुनाव में लगभग एक साल का वक्त है, लेकिन अभी से वातावरण में जातिवादी बारूद की गंध फैलनी शुरू हो गई है। जातिवादी के लिए कुख्यात राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से लेकर जातिवाद की राजनीति करने वाले नेता तक अपनी तिकड़म भिड़ाने में लग गए हैं।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा सदन में पढ़ा गया भयंकर जातिवादी कविता ‘ठाकुर का कुँआ’ से शुरू हुई आग, जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU नेता एवं बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के बयान के बाद पूरी तरह लपटों में फैल चुकी है। अशोक चौधरी ने जिस तरह भूमिहार समाज पर निशाना साधा, वह एक सुनियोजित प्रक्रिया दिख रही है।
जहानाबाद में 29 अगस्त 2024 को अशोक चौधरी ने भूमिहार समाज पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिन लोगों ने लोकसभा चुनाव में पार्टी का साथ नहीं दिया, पार्टी उनको जगह नहीं देगी। उन्होंने कहा था, “क्या नीतीश कुमार ने ऐसा किया कि जहाँ भूमिहारों का गाँव है वहाँ सड़क नहीं बनेगा? लेकिन जब अति पिछड़ा उम्मीदवार बनेगा तो कहेंगे कि वोट नहीं देंगे। क्यों नहीं देंगे….”
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