बॉलीवुड इस समय संकट से गुजर रहा है, लोग फ़िल्में देखने तो जा रहे हैं, परन्तु वही जिनमें कंटेंट है। अब वह एलीट या कहें खाया पिया, अघाया एक ऐसा वर्ग है जिसके पास अपना सब कुछ है। अपना इकोसिस्टम है, अपने कलाकार हैं, अपने ही गायिका और गायक हैं, अपने खलनायक हैं, आदि आदि! हां, दुर्भाग्य की बात यह है कि इनके पास दर्शक नहीं हैं। जो इनके पास नहीं है, उसकी तलाश में वह आते हैं और फिर अपनी “खानदानी कला” पेश करते हैं।
अब खानदानी कलाकार, जो किसी बाहरी कलाकार को आने भी नहीं देते हैं, जिन्होने वन वे ट्रैफिक बना रखा है, जो चाहते ही नहीं हैं कि कोई और उनके विमर्श में आ भी पाए वह नहीं चाहते कि जो भी उन्होंने कह दिया है, उसके विपरीत भी कोई कुछ कहे। वह नहीं चाहते कि अब तक वह जिस ठाठ बाट को भोगते हुए आए थे, उसे कोई और भोगे? वह नहीं चाहते कि रेशम की चादर कोई और ओढ़ भी सके!
और जो भी आता है, उसका वह चारित्रिक हनन करते हैं, उसका उपहास उड़ाते हैं, क्योंकि बड़ी जगहों, बड़े बैनरों पर तो खानदान ही बैठा हुआ है। वैसे भी जब इन दिनों बॉलीवुड संकटकाल से गुजर रहा है तो अभिनेताओं को और खानदानी अभिनेताओं को मौन रहने की आवश्यकता है, क्योंकि जनता अब उनके साथ जुड़ना ही नहीं चाह रही है, वह उनसे बात ही नहीं करना चाह रही है और उस पर अर्जुन कपूर जैसे लोग दर्शकों को ही धमका रहे हैं। हाल ही में अर्जुन कपूर ने धमकी दी कि बॉयकाट करने वालों को सबक सिखाना होगा, हमने बहुत सह लिया!
उनका कहना है कि बॉलीवुड ने बहुत सहन कर लिया है।
अर्जुन कपूर का कैरियर वैसे ही बहुत अच्छा नहीं रहा है, वह बहुत सुनहरा नहीं रहा है, उसके बावजूद भी उन्हें इतना घमंड है कि वह जनता को ही धमकी दे रहे हैं। वह जनता से कह रहे हैं कि सबक सिखाएँगे। यह दादागीरी है, यह दादागीरी है उस बॉलीवुड की जो आरम्भ से ही हिन्दुओं के विरुद्ध नैरेटिव बनाता रहा और हिन्दू धर्म को बदनाम करता रहा। हिन्दू संस्कारों को पिछड़ा बताता रहा और इतना ही नहीं अपने निजी जीवन में गंदगी का आचरण करने वाली अभिनेत्रियाँ आदर्शों की बात करती रहीं।
सोनम कपूर का कॉफ़ी विथ करण का प्रोमो भी इनकी असलियत बताने के लिए पर्याप्त था कि वह आखिर सोचती क्या हैं? प्रोमो में करण सोनम से पूछते नज़र आते हैं कि अर्जुन आपकी कितनी सहेलियों के साथ सेक्स कर चुके हैं जिसके जवाब में सोनम कहती हैं कि, “मेरे सभी भाइयों के बीच मुझे नहीं लगता की मेरी कोई भी दोस्त बची है”।
और ऐसे लोग जो अपनी बहनों की सहेलियों को भी गंदी नजर से देखते हैं, वह लोग जनता को सबक सिखाने की बात करते हैं!
महिला सम्मान की बात करने वाली अभिनेत्रियाँ अपनी गर्भावस्था तक को भुनाती हैं और निजी अश्लील टिप्पणियों पर शांत रहती हैं:
जनता को बॉयकाट करने वाला बॉलीवुड और उसकी अभिनेत्रियों स्वयं अपने जीवन के ऐसे क्षणों को अजीब तरीके से जनता के बीच प्रकट करती हैं कि जनता के हृदय में ऐसा भाव उत्पन्न होता है कि आखिर ऐसा क्यों? हाल ही में बिपाशा बसु ने अपनी गर्भावस्था की घोषणा की थी और अत्यंत ही आपत्तिजनक वस्त्रों में अपनी तस्वीर साझा की थी। लोगों ने इस बात पर आपत्ति व्यक्त करते हुए तुलना की कि कैसे दक्षिण भारतीय कलाकार अपने जीवन के ऐसे महत्पवूर्ण क्षण को साझा करते हैं:
इतना ही नहीं थप्पड़ फिल्म खुद पर एक थप्पड़ के कारण अपने पति से तलाक लेने वाली तापसी पन्नू की फिल्म दोबारा आज रिलीज हुई और वह दूसरी बात है कि वह फिल्म पहले ही दिन फ्लॉप की श्रेणी में आ गयी क्योंकि दर्शक न होने के कारण शो निरस्त करने पड़े!
परन्तु यहाँ पर बात दूसरी है, वह यह कि फिल्मों में यह संदेश देने वाली महिला कि पति यदि एक गलती करे तो तलाक दे दिया जाए, असली ज़िन्दगी में अनुराग कश्यप की खुद की देह पर अश्लील टिप्पणी पर हंस रही थीं। हाल ही में जब अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू अपनी फिल्म दोबारा का प्रचार कर रहे थे तो अनुराग कश्यप से रणवीर कपूर की चर्चित निर्वस्त्र तस्वीर के विषय में पूछा तो उन्होंने कहा कि हाँ सब उसके बारे में बात कर रहे हैं, फिर उसके बाद तापसी के विषय में बात करते हुए कहा कि ‘हां, ये तो मुझसे वैसे ही डरती है, इसको तो मुझसे सिर्फ इसी वजह से कॉम्प्लेक्स है कि मेरे स्तन इतने बड़े हैं,’
हालांकि तपसी झेंपी मगर फ़िल्मों में आत्मसम्मान की इतनी बड़ी बड़ी बातें करने वाली तापसी असली ज़िन्दगी में इतनी डरपोक थीं कि वह अनुराग का विरोध करके थप्पड़ नहीं लगा पाईं, और न ही यह कह पाएंगी कि वह अश्लील अनुराग की फिल्मों में काम नहीं करेंगी! फिल्मों में कुछ और असली जीवन में कुछ और, यही इन फ़िल्मी कलाकारों की वास्तविकता होती है,
परन्तु दुःख तब होता है जब यह फिल्मों में जो बातें बोलती हैं, उसके बहकावे में आकर आम महिला भी अपना घर तोड़ने की बात करने लगती है, क्योंकि थप्पड़ फिल्म में तापसी ने जो किया, उसे लेकर जो समीक्षाएं लिखती गईं थी कि कैसे यह फिल्म महिला अधिकारों के लिए थी, और संरक्षक थी, परन्तु जब अनुराग कश्यप ने असली ज़िन्दगी में तापसी पर अश्लील टिप्पणी की और वह भी इतने लोगों के सामने, तो इस पर न ही कोई समीक्षा होगी और न ही यह लिखा जाएगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था,
हिन्दू लड़कियों के मस्तिष्क को विकृत करने के लिए हिन्दू परिवारों को ही पीड़ित दिखाया जाता है, एवं दुर्भाग्य यह है कि लडकियां इनके झांसे में आ भी जाती हैं!
वैसे तापसी पन्नू और अनुराग कश्यप ने लोगों के द्वारा बॉयकाट का मजाक उड़ाया था, जो आज फली भूत हुआ और लोग उस फिल्म को देखने ही नहीं गए!
सबसे बड़ी बात यह है कि हिन्दू विरोधी बॉलीवुड अभी भी समझ नहीं रहा है कि समस्या क्या है, और वह हिन्दुओं को अपमानित करने का कोई भी तरीका नहीं छोड़ रहा है!