एक बात सबको समझनी होगी की आतंक ही जिहाद है और जिहाद ही आतंक है जिस किसी को भी जिहाद करनी है उसे पाकिस्तान का होने की आवश्यकता नहीं बल्कि इस्लाम के कट्ट्रवाद का अनुयायी होना पर्याप्त है । निश्चित है की पाकिस्तान भारत में रह रहे इस्लामिक कट्ट्रवादियों का हर सम्भव सहयोग करेगा क्यूंकि उनका रिश्ता मजहब का है जो की अनेको बार , तेरा मेरा रिश्ता क्या ला इलाह इल्लल्लाह जैसे इस्लामिक नारो से प्रकाशित और प्रमाणित भी हो चूका है अतः किसी भी आतंकी घटना को मात्र पाकिस्तान से जोड़ कर देखना पूर्णतः उचित नहीं क्यूंकि मजहबी जिहाद करने वाले मुसलमान भारत में भी बहुत हैं । आज तक जितनी भी आतंक घटनाएं घटित हुई सबमें भारतीय मुसलमानो की संलिप्तत्ता पायी गयी हम यह नहीं कह रहे की हर मुसलमान आतंकी या जिहादी है पर यह अवश्य कह रहे हैं की जिस मुसलमान ने मजहब की वह शिक्षा प्राप्त की जिसमें गैर मुस्लिमो को मुसलमान बनाना या उनका कत्ल करना वाजिव / दायित्व है वह व्यक्ति कितना भी शिक्षित हो जाय उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण मजहबी शिक्षा है जिसमें उसे जन्नत तभी मिलेगी जब वह काफिरों का कत्ल करेगा।
क्या अंतर् रहा, शिक्षा के आभाव में यदि कसाई का काम करते हुए जानवरो की हत्या करनी पड़ती है तो शिक्षित डॉक्टर होने के पश्चात काफिर/गैर मुस्लिमों की हत्या करना जीवन का उदेश्य बन जाता है। कल्पना कीजिए की मजहबी शिक्षा कितनी विनाशकारी होती है जो एक महिला तक को जिहादी आतंकियों का सरगना बना देती है।
वास्तव में सुरक्षा एजेंसियों को साधुवाद है जिनकी सतर्कता के चलते महाविनाश होने से बचा लेकिन भविष्य की चिंता अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इस्लाम के अनुसार तो प्रत्येक जिहादी आतंकी, मुजाहिद हैं यदि कुछ मर भी गए तो कल अन्य मुजाहिद मिल जाएंगे जिन्हे अपनी कुर्बानी देने में कोई समस्या नहीं है क्यूंकि उन्हें काफिरों का कत्ल करके जन्नत में जाकर हूरों से मिलना है।
सत्य है चीन की तरह मजहबी शिक्षा और मजहबी कट्ट्रवादिता को पूर्ण रूप से समाप्त करना होगा तभी मानवता जीवित रह सकती है दूसरी बात जिन सेक्युलर हिन्दुओं को इन जिहादी आतंकियों में भाईचारा नजर आता है तो जरा विचार करें की दिल्ली बम धमाके में यदि कोई उनका अपना होता तो क्या करते ।
हिन्दू राष्ट्र एकमात्र विकल्प है कैंसर का उपचार पेरासिटामोल की गोली से नहीं हो सकता।सबका विकास,सबका विश्वास केवल गैर इस्लामिक समाज के लिए सदैव विनाश लेकर आया है और आगे भी महाविनाश ही लेकर आएगा। इन सबके पश्चात भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को कोटि कोटि साधुवाद जिनके अथक प्रयास ,सजगता और सतर्कता से अभी के महाविनाश को रोका जा सका।
— दिव्य अग्रववाल
