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left hindi literature
कवियों को गुजरात के दंगे दिखे थे, लिख डालीं थी कविताएँ परन्तु गोधरा में जलती लाशों की गंध के लिए बंद कर ली थी...
हिन्दी साहित्य की एक बहुत बड़ी पहचान है और वह है सत्ता का पिछलगू होना! विचार के आधार पर गुलाम होना उसकी सबसे बड़ी...
हिन्दी दिवस, आधुनिक हिन्दी साहित्य और हिन्दी की कथित दुर्दशा एवं हिन्दी के प्रति किया गया ‘प्रगतिशील’ अर्थात वामपंथी षड्यंत्र
आज हिन्दी दिवस है और आज के दिन हिन्दी को लेकर न जाने कितनी बातें आदि होती हैं। एक परिपाटी बन जाती है कि...