आज उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह का आज जन्मदिन है और आज उनका जन्मदिन उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा धूमधाम से मनाया जा रहा है। राजनीति में अपनी यात्रा आरम्भ करने से पहले वह पहलवानी का सपना देखा करते थे और करहल में एक कॉलेज में पढ़ाते थे। उत्तर प्रदेश में इटावा के सैम्फई गाँव में उनका जन्म हुआ था।
वैसे तो मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक यात्रा वर्ष 1967 में आरम्भ हुई थी, जब वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए थे। और वह भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से पांच दिसंबर 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि उस समय रामजन्मभूमि आन्दोलन चल रहा था, परन्तु उन्होंने रथयात्रा के मामले पर भारतीय जनता पार्टी को समर्थन नहीं दिया था, और इसे साम्प्रदायिक बताया था।
जैसे ही वर्ष 1990 में वीपी सिंह की सरकार गिरी, वैसे ही उन्होंने जनतादल की सदस्यता ले ली और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने रहे। फिर वर्ष 1991 में कांग्रेस ने मुलायम सिंह यादव से समर्थन वापस ले लिया और उनकी सरकार गिर गयी।
उसके बाद वर्ष 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने भाजपा, बसपा, कांग्रेस आदि सभी के साथ सरकार बनाई। मगर मुलायम सिंह यादव के साथ विवाद जुड़े रहे। कारसेवकों पर गोली चलाने से लेकर उस निर्भर गुर्जर की हत्या कराने तक, जो उन्हें अपना भाई कहता था।
मुलायम सिंह ने जब चलवाई थीं कारसेवकों पर गोलियां:
मुलायम सिंह की दृष्टि में रामजन्मभूमि आन्दोलन साम्प्रदायिकता थी तो उनकी दृष्टि में कारसेवक भी साम्प्रदायिक ही होंगे। और उन्होंने 2 नवम्बर को उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवा दी थीं, और इस में सैकड़ों कारसेवक मारे गए थे। न जाने कब तक नदियों से लाशें निकलती रही थीं। हालांकि सरकार की ओर से केवल डेढ़ दर्जन लोगों के मारे जाने के आंकड़े जारी किए गए थे। परन्तु हाल ही में रिपब्लिक चैनल ने अपने स्टिंग में उस बात की पुष्टि की थी, जिसे कारसेवक कहते आए थे, कि वास्तविक मरने वालों की संख्या बहुत अधिक थी।
मुलायम सिंह ने प्रभु श्री राम के भक्तों पर गोलियां ही नहीं चलवाई थीं, बल्कि उनका अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया था।
इस स्टिंग में दावा किया गया था कि कारसेवकों का हिन्दू विधि से अंतिम संस्कार नहीं किया गया था, और उन्हें जलाने के स्थान पर दफना दिया गया था। इस स्टिंग में रामजन्म भूमि थाने के पूर्व एसएचओ वीर बहादुर सिंह को यह कहते हुए सुना जा रहा है कि कई शवों को दफना दिया गया था।
कारसेवकों के बलिदान को इस लिंक पर देखा जा सकता है:
हालांकि हाल ही में मुलायम सिंह ने कहा था कि उन्हें कारसेवकों पर गोली चलाने पर अफ़सोस है, पर उन्होंने यह अपने मुस्लिम समुदाय के विश्वास को बनाए रखने के लिए किया था।
डेढ़ दशक तक चम्बल में अपने आतंक से निवासियों का जीवन नरक बनाने वाले दुर्दांत डाकू निर्भय गुर्जर की समाजवादी पार्टी के साथ निकटता की सुगबुगाहट रहती थी। इटावा के बिठौली थाना क्षेत्र के पहलन निवासी निर्भय गुर्जर का नाम आतंक का पर्याय था।
कहा जाता है कि निर्भय गुर्जर और उसका गैंग बंदूक के दम पर सपा के लिए वोट दिलवाते थे। यह उसे प्राप्त राजनीतिक संरक्षण का प्रताप ही था कि वह पुलिस को ही चकमा नहीं देता था बल्कि पत्रकारों को बुलाकर इंटरव्यू भी देता था।
मगर उसने एक बार सरेआम कह दिया था कि शिवपाल यादव मेरे भैया हैं, और उसके बाद मुलायम सिंह ने बीहड़ से डकैतों के सफाए की बात कर दी थी। और अक्टूबर 2005 में एटीएस ने निर्भय गुर्जर को मार गिराया था।
विवादित बयान
मुलायम सिंह ने वैसे तो कई बयान विवादित दिए हैं, परन्तु महिलाओं को लेकर कुछ बयान बहुत विवादित रहे, जैसे उन्होंने यह कह दिया था कि पार्टी में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को शामिल करो, इससे ज्यादा वोट मिलेंगे। और उन्होंने सामूहिक बलात्कार के खिलाफ भी बोला था। उन्होंने कहा था कि यह कैसे संभव है कि एक साथ चार लोग बलात्कार कर सकते हैं, और हाल ही में सबसे अधिक विवादित रहा था जब उन्होंने कहा था कि लड़के हैं, लड़कों से गलतियां हो ही जाती हैं।
कभी अतीक अहमद के कुत्ते से भी हाथ मिलाने में फख्र महसूस करते थे
आज राज्य सभा सांसद बृजलाल ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा:
ये प्रमाण है, माफिया अतीक अहमद और नेता जी मुलायम सिंह के गठजोड़ का। कभी नेता जी अतीक के कुत्ते से हाथ मिलाने में फक्र महसूस करते थे।
मगर कुत्ते के मालिक को अब योगी आदित्यनाथ जी ने अहमदाबाद जेल भेज दिया है:
समाजवाद के नाम पर यादववाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा और एक ही जाति परिवार में नौकरी का बंदरबांट हो जाया करता था। इस बात पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी निशाना साधा था।
आज मुलायम सिंह के जन्मदिन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई तो अवश्य दी है, परन्तु उन्होंने उन्हीं श्री राम से उत्तम स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन की कामना की है, जिन प्रभु श्री राम को वह साम्प्रदायिक मानते हुए आए थे और साथ ही प्रभु श्री राम के भक्तों पर गोली चलाई थी, जिसके कारण उन्हें “मुल्ला” मुलायम कहा जाने लगा था।
यद्यपि मुलायम सिंह के विवादित निर्णयों की सूची बहुत लम्बी है, और हिन्दुओं के विरुद्ध उठाए गए क़दमों की सूची भी बहुत लम्बी है!