पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ‘नशे में धुत्त’ होने के चलते एक विवाद में फंस गए हैं। पंजाब में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए वह जर्मनी की यात्रा पर गए थे। अब आरोप लगाए जा रहे हैं कि जर्मनी से भारत आने के लिए जब वह लुफ्थांसा के विमान में चढ़े तो नशे में धुत्त होने के कारण विमान से उतार दिया गया था। ऐसा भी बताया जा रहा है कि उनके कारण विमान को उड़ान भड़ने में चार घंटे की देर भी हुई।
ज्ञात जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री मान को 11 से 18 सितंबर तक जर्मनी में रहना था। जर्मनी में वह म्यूनिख, फ्रैंकफर्ट और बर्लिन गए और कई कंपनियों के प्रमुखों से मिले, ताकि पंजाब में निवेश के अवसर उत्पन्न किये जा सकें। भगवंत मान के साथ उनकी पत्नी और सुरक्षाकर्मियों के दल अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित थे।
जानिए क्या है यह पूरा मामला
यह मामला तब उजागर हुआ जब एक वेबसाइट इंडिया नैरेटिव ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली जाने वाले लुफ्थांसा के फ्रैंकफर्ट स्थित एक विमान से इसलिए उतारा गया क्योंकि वह यात्रा करने के लिए फिट नहीं पाए गए थे। लुफ्थांसा एयरलाइन्स की वेबसाइट के अनुसार, यह विमान फ्रैंकफर्ट से शनिवार दोपहर 1.40 बजे उड़ान भरने वाला था, और इसे रात 12:55 बजे नयी दिल्ली पहुंचना था। लेकिन इस हंगामे के बाद विमान चार घंटे की देरी से शाम 5:52 बजे उड़ान भर पाया और सोमवार सुबह 4:30 बजे दिल्ली में पंहुचा।
आप के मीडिया संचार निदेशक चंदर सुता डोगरा ने इंडिया नैरेटिव को बताया, “मुख्यमंत्री थोड़े अस्वस्थ थे और घर लौटने के लिए आज रात फ्रैंकफर्ट से उड़ान पकड़ेंगे,” और कहा कि मान वर्तमान में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली में आयोजित पार्टी के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के आप सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। इस समाचार की पुष्टि एक और समाचार पत्र ‘द हिन्दू‘ ने भी की है, कि भगवंत मान ने अंतिम समय पर विमान पर चढ़ने के बजाय वापस होटल लौट गए थे।
हालांकि, उसी उड़ान में सवार एक भारतीय सहयात्री ने आरोप लगाया कि “मुख्यमंत्री अपने पैरों पर स्थिर नहीं थे क्योंकि उन्होंने अत्यधिक शराब पी ली थी और उनकी पत्नी और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जैसे तैसे संभाल रखा था। यात्री ने कहा कि विमान के प्रस्थान में 4 घंटे से अधिक की देरी हुई क्योंकि विमान में चढ़ाये गए भगवंत मान के दल के सामान को उतारना भी पड़ा।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने लुफ्थांसा के चालक दल के सदस्यों को मान को विमान से नहीं उतारने के लिए मनाने का प्रयास किया, क्योंकि उन्हें अगले दिन कई महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लेना था, लेकिन लुफ्थांसा के चालाक दाल ने अपने उड़ान सुरक्षा नियमों से किसी भी प्रकार का समझौता करने से मना कर दिया था।
विपक्ष ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर किया हमला
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उप-मुख्यंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भगवंत मान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार उन्हें नशे में होने के कारण विमान से उतारा गया, जिसका स्पष्टीकरण उन्हें और पंजाब सरकार को देना चाहिए।
बादल ने ट्वीट किया कि भगवंत मान को लुफ्थांसा की फ्लाइट से उतारा गया, उन्होंने बहुत अधिक नशा किया हुआ था, जिसके चलते उड़ान भरने लायक नहीं थे। उनके चलते फ्लाइट को 4 घंटे की देर हुई। विमान से उतारे जाने के चलते मान आप के राष्ट्रीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हो सके। मान ने पूरी दुनिया में पंजाबियों को शर्मसार किया है।
लुफ्थांसा ने कहा विमान बदलने से चार घंटे की हुई देरी
लुफ्थांसा एयरलाइंस ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि विमान बदलने से फ्रैंकफर्ट से फ्लाइट चार घंटे की देरी से दिल्ली पहुंची। आप प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा लुफ्थांसा के स्पष्टीकरण के बाद अब उन नेताओं को माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने गलत इल्जाम लगाकर राजनीति की मर्यादा को तार तार किया है।
हालांकि लुफ्थांसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री से सम्बंधित कोई भी जानकारी नहीं दी है। ऐसी जानकारी शायद वह ना भी दें, क्योंकि एयरलाइन्स अपने यात्रियों की गोपनीय जानकारियां उजागर नहीं करती हैं, अगर उन पर विधिक रूप से कोई दबाव ना हो। ऐसे में यह विषय उलझ गया है, क्योंकि अभी यह पूरी तरह से साफ़ नहीं हुआ है कि क्या भगवंत मान को नशे में धुत होने के कारण विमान से उतार दिया गया था।
आम आदमी पार्टी ने आरोपों को गलत बताया
वहीं आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान के खिलाफ लगाए गए आरोप को छद्म प्रचार बताया है। पार्टी ने बताया कि मुख्यमंत्री के रूप में मान के प्रदर्शन से विपक्ष बौखला गया है। मुख्यमंत्री 19 सितंबर को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लौटे थे। भगवंत मान ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान पंजाब में विदेशी निवेश आकर्षित किया है, और इससे विपक्ष बौखला गया है।
हालांकि आम आदमी पार्टी के दावे संदेहास्पद हैं, क्योंकि भगवंत मान की यात्रा से पंजाब को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ है। भगवंत मान ने प्रसिद्द ऑटोमोबाइल कंपनी बीएमडब्लू द्वारा पंजाब में एक ऑटो पार्ट बनाने के उद्यम लगाने का दावा किया था। हालांकि बाद में वह झूठा निकला और बीएमडब्लू ने ऐसे किसी भी समाचार को गलत बताया था। ऐसे में आम आदमी पार्टी द्वारा किये जा रहे दावे खोखले हैं, कि भगवंत मान के प्रदर्शन से विपक्ष बौखला गया है।
पंजाब सरकार ने साधी संदेहास्पद चुप्पी
बादल ने एक अन्य ट्वीट में इस बात पर भी हैरानी जताई कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर चुप है। उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से, पंजाब सरकार इन रिपोर्टों पर चुप है जिसमें उनके सीएम भगवंत मान और आप पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे पर सफाई देने की जरूरत है। यह बात सही है, हर छोटी बड़ी बात पर प्रेस वार्ता करने वाले अरविन्द केजरीवाल और पंजाब सरकार इस विषय पर चुप क्यों हैं?
वहीं दूसरी ओर भारत सरकार को भी इस विषय की जांच के लिए उपयुक्त निर्णय लेने चाहिए, क्योंकि इस घटना से कहीं ना कहीं पंजाबी और राष्ट्रीय गौरव को चोट पहुंची है। अगर यह गलत समाचार है तो इस फैलाने वालो पर कार्यवाही होनी चाहिए, वहीं अगर इसमें कुछ भी सच्चाई है तो पंजाब के मुख्यमंत्री की त्वरित जांच कर उन पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि भगवंत मान पूर्व में भी अपने शराब पीने की आदत के कारण आलोचना झेल चुके हैं, कुछ सांसदों के अनुसार वह संसद में भी शराब पी कर आ चुके हैं।