कश्मीर फाइल्स पर विवेक अग्निहोत्री का ट्विटर हैण्डल सस्पेंड और वापस आने से अभी लोग उबरे भी नहीं थे कि राष्ट्रवादियों के और वामपंथी एजेंडा चलाने वालों का पर्दाफाश करने वाले राष्ट्रवादी हैंडल्स को ट्विटर ने सस्पेंड कर दिया है। एक या दो नहीं बल्कि चार चार ट्विटर हैंडल्स को सस्पेंड किया गया है।
ये हैं ‘द स्किन डॉक्टर’, ‘द एंग्री लॉर्ड’, ‘मेघ बुलेटिन’ और बेफिटिंग फैक्ट्स। इनमें से मेघ बुलेटिन और द स्किन डॉक्टर बहुत ही लोकप्रिय थे। मेघ बुलेटिन राजनीतिक और सामाजिक समाचार प्रदान करता था। ट्विटर से इस बात के लिए कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं दिया गया है कि आखिर क्यों ऐसा किया गया है।
जिन एकाउंट्स को उसने सस्पेंड किया है उनमें बेफिटिंग फैक्ट्स, बहुत लोकप्रिय था, बेफिटिंग फैक्ट्स। opindia के अनुसार इसे निलंबित करते हुए ट्विटर ने कहा कि इसने कई अकाउंट का उपयोग करते हुए उसकी पॉलिसी को तोड़ा है। ट्विटर की मनमाना कार्रवाई के बाद ऑपइंडिया से बातचीत में बेफिटिंग फैक्ट्स ने बताया कि ट्विटर उसके कई अकाउंट्स की जानकारी माँग रहा है, लेकिन उसके पास केवल एक ही अकाउंट है।
ट्विटर आज से नहीं बल्कि पहले से यह कदम उठा रहा है। और यह नहीं बताता है कि आखिर किन नियमों का उल्लंघन इन हैंडल ने किया है, परन्तु उल्लंघन तो हुआ है और इसी के बहाने से वह राष्ट्रवादियों को निशाना बनाता है।
विवेक अग्निहोत्री के साथ साथ वह आरती टिक्कू के ट्विटर खाते पर भी कार्यवाही कर चुका था। हालांकि दोनों के ही खाते बाद में रीस्टोर हो गए, परन्तु इन खातों पर देखते हैं कि क्या कार्यवाही होती है।
भारतीय जनता पार्टी गुजरात का भी एक ट्वीट डिलीट कर दिया था।
हाल ही भारतीय जनता पार्टी गुजरात का भी एक ट्वीट डिलीट कर दिया था, जो उन्होंने अहमदाबाद में हुए बम विस्फोटों के दोषियों को दिखाते हुए एक कार्टून post किया था। हालांकि सभी दोषी कट्टरपंथी इस्लामी हैं, जिनके लिए संविधान से बढ़कर मजहब है जैसा बाद में उनकी ओर से कहा भी गया, तो उसी कट्टरपंथी तस्वीर को ही दिखाया था, परन्तु ट्विटर ने उसे एक मजहब के विरुद्ध मानते हुए डिलीट कर दिया।
यह ध्यान दिया जाए कि गुजरात में एक विशेष न्यायालय ने 18 फरवरी 2022 को एक तेरह वर्ष पुराने बम धमाकों के मामले में अपना निर्णय देते हुए 38 आरोपियों को दोषी ठहराया था और शेष 11 को उम्र कैद की सजा दी थी।
तो उन्हीं को दिखाते हुए यह पोस्ट की थी, और उसके बाद कट्टरपंथी इस्लाम और लेफ्ट लिब्रल्स सभी ने मिलकर यह कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुस्लिमों के प्रति हिंसा की बात कर रही है,
जबकि यह पूरी तरह से केवल न्यायालय के निर्णय को लेकर ही था। यूजर्स ने प्रश्न किए कि 38 लोग जिन्हें मृत्युदंड मिला है, वह कट्टरपंथी मुस्लिम हैं, तो और कैसे दिखाया जाए:
ट्विटर पर वामपंथी ताकतों का इतना कब्ज़ा है कि साधारण से साधारण हिन्दू हितों की बात करने वालों को पिछड़ा और कट्टरपंथी बता दिया जाता है और हिन्दुओं के प्रति घृणा फैलाने वाले हैंडल बहुत आराम से संचालित हो रहे हैं!
यह सोशल मीडिया का दोगला चेहरा है! और हिन्दू द्वेष का चेहरा है!