“संभल में जमीन हिंदुओं की, कब्जा था मुस्लिम का… 46 साल बाद हिंदू परिवारों को मिला मालिकाना हक: 1978 के दंगों में कत्लेआम के बाद हुआ था पलायन”, ऑपइंडिया, जनवरी 15, 2025
“साल 1978 के दंगों में अपनी जमीन से बेदखल हुए तुलसीराम के परिवार को 46 साल बाद न्याय मिला है। संभल प्रशासन ने मंगलवार (14 जनवरी 2025) को तुलसीराम के परिवार को 10,000 वर्गफुट जमीन का कब्जा दिलाया। माली समाज के तुलसीराम की 1978 के दंगों में हत्या कर दी गई थी और उनके तीन बेटे और परिवार को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। इस जमीन पर मौजूदा समय में जन्नत निशा नाम का स्कूल चलाया जा रहा था। हालाँकि अब ये जमीन तुलसीराम के वंशजों को मिल गई है। यह कार्रवाई राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन की देखरेख में हुई, जिसमें भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा और एएसपी श्रीश चंद्र ने मंगलवार को राजस्व रिकॉर्ड का सर्वे कर जमीन की वास्तविक स्थिति का निर्धारण किया। जाँच में पुष्टि हुई कि 15,000 वर्गफुट में से 10,000 वर्गफुट जमीन तुलसीराम के परिवार की है। प्रशासन ने ऑन द स्पॉट कार्रवाई करते हुए तुलसीराम के पोते अमरीश कुमार और उनके परिवार को जमीन पर कब्जा दिलाया।
दस्तावेजों में हेरफेर करने वालों पर होगी कार्रवाई
इस दौरान जन्नत निशा स्कूल के संचालक डॉ. मोहम्मद शाहवेज ने दावा किया कि उनके अब्बू डॉ. जुबैर ने यह जमीन 1976 में खरीदी थी, यानी दंगों से पहले। हालाँकि, जब प्रशासन ने उनसे दस्तावेज माँगे, तो वे संतोषजनक सबूत पेश करने में असफल रहे। अधिकारियों ने पाया कि जमीन के रिकॉर्ड में कई गड़बड़ियाँ थीं, जिनमें एक हिस्सा फायर स्टेशन के रूप में दिखाया गया था। एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा कि दस्तावेजों में जानबूझकर हेरफेर की गई है और इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी……”
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